श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा भारत के सबसे पवित्र और ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों में से एक है. यह वही स्थान माना जाता है जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था. उत्तर प्रदेश के मथुरा नगर में स्थित यह मंदिर हिंदू श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है (Shri Krishna Janmabhoomi Temple).
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कंस के कारागार में देवकी और वासुदेव के पुत्र रूप में श्रीकृष्ण का जन्म इसी भूमि पर हुआ था. जन्म के समय कारागार के ताले स्वयं खुल गए और वासुदेव बालक कृष्ण को यमुना पार गोकुल ले गए. इसी ऐतिहासिक और धार्मिक घटना के कारण यह स्थान “कृष्ण जन्मभूमि” कहलाता है.
वर्तमान श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर में कई प्रमुख मंदिर और संरचनाएं हैं. इनमें केशवदेव मंदिर, भागवत भवन, और गर्भगृह (जन्मस्थान) प्रमुख हैं. गर्भगृह वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण के जन्म की स्मृति में विशेष पूजन किया जाता है. यहां चांदी की वेदी स्थापित है, जिसे भक्त अत्यंत श्रद्धा से नमन करते हैं.
यह मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. विभिन्न कालखंडों में यहां मंदिरों का निर्माण और ध्वंस हुआ. स्वतंत्रता के बाद, हिंदू समाज के प्रयासों से इस पवित्र स्थल को पुनः भव्य स्वरूप मिला. आज यह परिसर सुरक्षा व्यवस्था के साथ सुव्यवस्थित रूप में श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है. देश-विदेश से लाखों भक्त इस दिन मथुरा पहुंचते हैं. भजन-कीर्तन, झांकियां और विशेष पूजन से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है.
संक्षेप में, श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, भक्ति और श्रीकृष्ण के दिव्य जीवन से जुड़ी अमूल्य धरोहर है. यह स्थान श्रद्धा, इतिहास और अध्यात्म का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है.