साइबर फ्रॉड के मामले आए दिन बढ़ रहे हैं, जहां साइबर स्कैमर्स भोले-भाले लोगों को अलग-अलग ट्रिक्स को अपनाकर शिकार बनाते हैं. ऐसा ही एक स्कैम Fake Lending Apps का है. आज हम आपको कुछ ऐसी ट्रिक्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको इन लेंडिंग ऐप्स से बचाने का काम करते हैं.
फेक लेंडिंग ऐप्स यूजर्स को अलग-अलग लालच देकर, उनके फोन में जगह बना लेते हैं. इसके बाद मोबाइल से सेंसटिव डिटेल्स, बैंक डिटेल्स और लॉगइन क्रेडेंशियल तक चोरी कर सकते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे ही फेक लेंडिग ऐप्स को पहचानने का तरीका बताने जा रहे हैं.
वेरिफिकेशन जरूर करेंः किसी भी लेंडिंग ऐप्स को इंस्टॉल करने से पहले, उसकी कुछ डिटेल्स को जरूर वेरिफाई कर लें. इसके लिए आप RBI की वेबसाइट का सहारा ले सकते हैं, जहां उनका लाइसेंस आदि देख सकते हैं. ध्यान रखें कि Apps द्वारा RBI के जरूरी के फैक्ट स्टेटमेंट को दिखाया गया है, जिसमें लोन की डिटेल्स और कीमत होगी.
यह भी पढ़ें: Budget 2024 में तोहफा, सस्ते होंगे स्मार्टफोन्स और चार्जर, कस्टम ड्यूटी कम करने का ऐलान
किसी भी बिजनेस के लिए एक फिजिकल ऑफिस होना जरूरी है. हालांकि फेक ऐप्स क्लियर लोकेशन की जानकारी नहीं देते हैं. ऐप की ऑफिशियल वेबसाइट आदि भी चेक करें.
लेडिंग ऐप्स को इंस्टॉल करने से पहले, उस ऐप्स को दिए गए रिव्यू को एक बार चेक कर लें. सही फीडबैक ऐप की सच्चाई का खुलासा कर सकता है और आपको फाइनेंशियल फ्रॉड से बचा सकता है.
लेडिंग ऐप्स की दी गई टर्म एंड कंडिशन के बारे में ध्यान से पढ़ लें. एक सही लेंडिंग ऐप में टर्म एंड कंडिशन को लेकर सही डिटेल्स दी होती है. फेक ऐप्स में कई गलत जानकारी या भटकाने वाली डिटेल्स दी होती है.
रयह भी पढ़ें: Budget 2024: मोबाइल रिचार्ज प्लान्स हो सकते हैं और महंगे, 5G रोल आउट में होगी अब देरी!
किसी भी अनऑफिशियल वेबसाइट या डायरेक्ट APK लिंक से ऐप को इंस्टॉल करने से बचना चाहिए. यह आपकी सुरक्षा के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं.