नए IT Rules के बाद भारत में VPN सर्विसेस का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है. ExpressVPN ने नए नियमों की वजह से देश में अपनी सर्विस को समेटने का फैसला किया है. दुनियाभर के प्रमुख VPN सर्विस प्रोवाइडट्स में एक ExpressVPN ने सरकार के नए नियमों को मानने से पहले ही इनकार कर दिया था.
कंपनी का कहना है कि उन्होंने भारत में अपनी सर्विस बंद करने का फैसला कर लिया है. हालांकि, यूजर्स के पास भारतीय सर्वर से कनेक्ट होने का मौका रहेगा. रिपोर्ट्स की मानें तो वर्चुअल सर्वर लोकेशन्स की मदद से वह भारतीय सर्वर से कनेक्ट कर सकेंगे.
यानी जो लोग भारतीय सर्वर से कनेक्ट होना चाहते हैं, वे सिंगापुर या UK सर्वर की मदद से भारतीय सर्वर से कनेक्ट कर सकते हैं. ExpressVPN से पहले NordVPN ने भारतीय मार्केट से एग्जीट कर लिया है.
CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने अप्रैल महीने में VPN पर एक नई एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी के तहत VPN सर्विस प्रोवाइडर्स को अब यूजर्स का डेटा कम से कम 5 सालों तक के लिए स्टोर करना होगा. CERT-In मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत काम करने वाली एक एजेंसी है.
नई एडवाइजरी के मुताबिक, VPN सर्विस प्रोवाइडर्स को यूजर्स की अकाउंट डिटेल्स- जैसे उनके नाम, आईपी ऐड्रेस, ऑनलाइन बिहेवियर और दूसरे डेटा को स्टोर करना होगा. सरकार के इस कदम का पूरी VPN इंडस्ट्री ने विरोध किया, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली.
ExpressVPN ने अपने ब्लॉग में बताया, 'हाल में भारत में इंट्रोड्यूश हुए डेटा लॉ की वजह से सभी VPN सर्विस प्रोवाइडर्स को पांच साल तक डेटा स्टोर करना होगा. ExpressVPN ने इस पर भारत छोड़ने का फैसला किया है और अपनी भारत बेस्ड VPN सर्विसेस को बंद करेगी.'
कंपनी ने कहा कि CERT-In का नया डेटा लॉ साइबर क्राइम से लड़ने के लिए तैयार किया गया है, लेकिन VPN के लिए ठीक नहीं है. VPN का डिजाइन ही यूजर्स की ऑनलाइन एक्टिविटी को प्राइवेट रखने के लिए किया गया है.