साल का पहला ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन खेला जा रहा है. शनिवार (29 जनवरी) को महिलाओं के सिंगल्स फाइनल में एश्ले बार्टी ने बाजी मारी और पहली बार यह खिताब जीता. इसी फाइनल मैच के दौरान स्टेडियम में फैंस के बीच कुछ टी-शर्ट भी बांटी गईं, जिस पर लिखा था- पेंग शुआई कहां है?,
ऑर्गनाइजर्स ने कार्यकर्ताओं को 1000 टीशर्ट तैयार कर फैंस के बीच फ्री बांटने का ऑर्डर दिया था. यह चीनी सरकार के खिलाफ एक तरह से विरोध जताने का तरीका भी था. यह बात खुद ऑर्गनाइजर्स में से एक अधिकारी Drew Pavlou ने कही है.
चीनी सरकार के दबाव में आए बगैर पेंग शुआई आजादी से बोल सकें
Drew Pavlou ने कहा कि हम सिर्फ यही चाहते हैं कि पेंग शुआई अपनी बात रखने के लिए आजाद रहें. हम चाहते हैं कि पेंग शुआई दुनिया में कहीं भी आ-जा सकें. वे कभी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बगैर चीनी सरकार के दबाव में आए अपनी आजादी से कुछ भी कह सकें. बता दें कि फाइनल मैच शुरू होने के बाद ब्रॉडकास्टर चैनल ने टीशर्ट पहने लोगों समेत भीड़ पर कम ही फोकस किया था. ऐसे में प्रदर्शन के लिए टीशर्ट पहने लोग कम ही दिखाई दिए. हालांकि, फोटोग्राफर्स ने अपने फोटोज में उन्हें कैद कर लिया.
One thousand shirts - you’ll no doubt see them on the broadcast tonight - asking Where is Peng Shuai? A protest that has gathered momentum since Tennis Australia tried to ban these shirts in week 1 of the @AustralianOpen pic.twitter.com/bXmBqmnjyM
— Blake Johnson (@BlakeJohnson) January 29, 2022
पेंग शुआई ने पूर्व चीनी उपराष्ट्रपति पर लगाए थे यौन शोषण के आरोप
दरअसल, पेंग शुआई चीन की स्टार टेनिस प्लेयर हैं. उन्होंने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेता झांग गाओली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. गाओली चीन के उप-प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं. शुआई ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट Weibo पर 600 शब्दों की एक पोस्ट लिखी थी, जिसमें उन्होंने गाओली पर गंभीर आरोप लगाए. हालांकि, बाद में यह पोस्ट डिलीट कर दिया गया.
आरोप लगाने के दो हफ्ते बाद ही पेंग शुआई कहीं लापता हो गई थीं. उनका कुछ पता नहीं चला. तब टेनिस वर्ल्ड में हाहाकार मचा हुआ था. विवाद के बीच काफी समय बाद पेंग शुआई का एक बयान सामने आया था. उन्होंने सिंगापुर की एक मीडिया आउटलेट से बात करते हुए यौन उत्पीड़न के मामले को गलत बताया था.
पेंग शुआई से जुड़े मामले के सामने आने के बाद टेनिस वर्ल्ड में हाहाकार मचा था. महिला टेनिस एसोसिएशन ने चेतावनी दी थी कि अगर महिला टेनिस खिलाड़ियों के साथ इस तरह का बर्ताव होता है, तो चीन में होने वाले सभी टूर्नामेंट को रद्द करना पड़ेगा.