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Hindu New Year 2026 Prediction: युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं...साल 2026 में ग्रहों की बदलती चाल से शुरू होगा रौद्र संवत

Hindu New Year 2026 Predictions: नया संवत्सर 2083 देश-दुनिया के लिए बड़े बदलावों और तीव्र घटनाओं का संकेत दे रहा है. जहां गुरु की कृपा से धर्म, अध्यात्म और पूजा-पाठ का प्रभाव बढ़ेगा, वहीं मंगल का उग्र योग राजनीति, अर्थव्यवस्था और साइबर दुनिया में हलचल पैदा कर सकता है.

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नया साल 2026 में ग्रहों की स्थिति (Photo: Getty Images)
नया साल 2026 में ग्रहों की स्थिति (Photo: Getty Images)

Hindu New Year 2026 Predictions: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नया साल 1 जनवरी 2026 को शुरू होगा, लेकिन हिंदू पंचांग में नववर्ष की शुरुआत इससे अलग तिथि पर मानी जाती है. पंचांग के हिसाब से चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नया संवत आरंभ होता है, जो वर्ष 2026 में गुरुवार, 19 मार्च को पड़ेगी. इस दिन से ही हिंदू नवसंवत्सर 2083 की शुरुआत मानी जाएगी.

ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, आने वाले इस संवत्सर के राजा गुरु (बृहस्पति) और मंत्री मंगल होंगे. ज्योतिषियों के अनुसार, यह संयोजन संपूर्ण वर्ष को ‘रौद्र संवत’ की श्रेणी में रखता है, यानी साल ऊर्जा, परिवर्तन और तेज प्रवृत्तियों वाला रहने के संकेत दे रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक, जहां गुरु की प्राकृतिक शुभता के कारण राष्ट्र, समाज और लोगों में धर्म, अध्यात्म, पूजा-पाठ और परोपकार की भावना बढ़ेगी, वहीं मंगल के प्रभाव से कई क्षेत्रों में अस्थिरता और अप्रत्याशित घटनाओं की संभावना भी रहेगी.

साल 2026 में बन सकती हैं ये परिस्थितियां

खगोलीय परिस्थितियां ऐसा योग बना रही हैं कि वर्ष 2026 में वैश्विक स्तर पर आर्थिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं. सोना-चांदी और धातुओं की कीमतों में तेजी या अचानक गिरावट की स्थिति बन सकती है. तकनीक से जुड़े क्षेत्रों में प्रगति के साथ-साथ साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी बढ़ने की चेतावनी भी ज्योतिषीय विश्लेषण में दी जा रही है. राजनीति के क्षेत्र में भी कुछ परिस्थितियां अस्थिरता का माहौल बना सकती हैं, जिसके कारण सरकारों और नेतृत्व में खींचतान देखी जा सकती है. शेयर बाजार भी स्थिर नहीं रहेगा और निवेशकों को अचानक होने वाले बदलावों का सामना करना पड़ सकता है.

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साल 2026 का पड़ेगा मन पर नकारात्मक प्रभाव

ज्योतिर्विदों की मानें तो, व्यक्तिगत जीवन की दृष्टि से यह संवत मानसिक संतुलन की बड़ी परीक्षा लेकर आएगा. गुरु का सकारात्मक प्रभाव आध्यात्मिकता और ज्ञान का मार्ग दिखाता है. जबकि, मंगल की उग्रता गुस्सा, तनाव, क्रोध, आवेग और जल्दबाजी वाले निर्णय बढ़ा सकती है. इसलिए ज्योतिषाचार्य सलाह दे रहे हैं कि इस साल धैर्य, शांति और आध्यात्मिक अभ्यास को जीवनशैली में शामिल करना ही संतुलन बनाए रखने का सर्वोत्तम मंत्र होगा. परिस्थितियां बदलेंगी, लेकिन सही सोच और स्थिर मन से इस संवत को बेहद सकारात्मक बनाया जा सकता है.

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