Disadvantages of Oats: ओट्स एक बेहद ही हेल्दी चीज है जो अपने हाई फाइबर और हेल्थ बेनेफिट्स के लिए जाना जाता है. ओट्स का सेवन आप कई तरीकों से कर सकते हैं. हालांकि ओट्स सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं लेकिन सभी लोगों को इससे फायदे नहीं मिलते हैं. कुछ लोगों को ओट्स खाने से कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं किन लोगों को ओट्स खाने से बचना चाहिए.
सीलिएक डिजीज- ओट्स आमतौर पर ग्लूटेन-मुक्त होते हैं, लेकिन इन्हें उन फैक्टी में प्रोसेस किया जाता है जहां गेहूं, जौ या राई को भी संभाला जाता है. इससे क्रॉस -कंटामिनेशन होता है और सीलिएक डिजीज वाले लोगों में गंभीर इम्यूनिटी से जुड़ी दिक्कत हो सकती है. ग्लूटेन की थोड़ी सी मात्रा भी सीलिएक डिजीज वाले व्यक्ति की आंतों की परत को नुकसान पहुँचा सकती है.
इससे पोषक तत्वों का अवशोषण खराब हो सकता है, पेट में दर्द हो सकता है, और लॉन्ग टर्म में होने वाली दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. सीलिएक डिजीज वाले लोग तभी ओट्स खा सकते हैं अगर वो ग्लूटन फ्री हो और उइन्हें अलग जगह पर रखा जाता हो.
ओट्स एलर्जी- ओट्स एलर्जी होना रेयर है, लेकिन यह एक गंभीर स्थिति है जो बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकती है. ओट्स से एलर्जी होने पर पेट में दिक्कत, रेस्पिरेटरी दिक्कतें और स्किन रैश की समस्या का सामना करा पड़ सकता है.
IBS से पीड़ित लोग- ओट्स में सॉल्यूबल फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. लेकिन, ओट्स में मौजूद हाई फाइबर के कारण इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) वाले लोगों में यह समस्या हो सकती है.
डायबिटीज- ओट्स का सेवन करने से आपका ब्लड शुगर लेव बढ़ सकता है. खासतौर पर अगर आप इसे ज्यादा मात्रा में खाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप ओट्स का सेवन एक सीमित मात्रा में करें.
मिनरल्स की कमी- ओट्स में फाइटिक एसिड होता है, जो एक एंटीन्यूट्रिएंट है जो कैल्शियम, आयरन और जिंक जैसे आवश्यक मिरल्स से जुड़ सकता है, जिससे शरीर में उनका अवशोषण कम हो जाता है. हालांकि ये हेल्दी लोगों के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन जिन लोगों में मिनरल्स की कमी है या जो लोग रोजाना ओट्स खाते हैं, उन्हें कम मात्रा में ओट्स खाना चाहिए.