COVID-19 XE Variant: कोरोना का नया वैरिएंट XE ओमिक्रॉन के 2 सब लीनेज BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है. WHO ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि यह नया म्यूटेंट वैरिएंट XE ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2 से करीब 10 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक हो सकता है. XE वैरिएंट का केस इंडिया में भी मिलने की बात सामने आ रही थी, लेकिन PIB महाराष्ट्र ने बताया, ऐसे कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं, जो मरीज में नए वैरिएंट XE की पुष्टि करते हों. लेकिन फिर भी लोगों में कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर चिंता देखी जा रही है. एक्सपर्ट पहले भी कह चुके थे कि कोरोना के सभी वैरिएंट से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी ही सबसे अच्छा तरीका है.
इंडिया में जैसे-जैसे कोरोना के केस कम हो रहे थे, वैसे-वैसे लोगों ने अपनी इम्यूनिटी पर ध्यान देना कम कर दिया था. अब ऐसे में अगर भविष्य में कोई नया वैरिएंट आ सकता है, तो वे लोग संक्रमित हो सकते हैं. क्योंकि कुछ ऐसे केस भी देखे गए थे, जिसमें वैक्सीन लेने वाले लोग भी संक्रमित हो गए थे. अब ऐसे में ये जानना काफी जरूरी है कि आपकी इम्यूनिटी मजबूत है या नहीं?
इस आर्टिकल में हम आपको 6 ऐसे संकेत बता रहे हैं, जो बताते हैं कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो गई है और तुरंत इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
स्ट्रेस लेवल हाई (Stress Level is High)
किसी काम के बाद स्ट्रेस अधिक होना कॉमन है. लेकिन अमेरिकल साइकोलॉजी एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर किसी को लंबे समय तक स्ट्रेस रहता है तो यह कमजोर इम्यून सिस्टम की निशानी है. उसे इम्यूनिटी को बढ़ाने की जरूरत है.
हमेशा सर्दी बनी रहती है (You Always Have a Cold)
अगर किसी को हमेशा सर्दी या जुकाम बना रहता है या फिर हर 7-10 दिन के बीच बार-बार सर्दी होती है, यह कमजोर इम्यूनिटी की निशानी है. हर साल 2-3 बार सर्दी-जुकाम होना नॉर्मल है, लेकिन अगर इससे अधिक बार होता है तो इम्यूनिटी को बढ़ाने की जरूरत है.
पेट की परेशानियां (Lots of Tummy Troubles)
यदि आपको बार-बार दस्त, गैस या कब्ज की शिकायत रहती है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो गई है. रिसर्च से पता चलता है कि आपकी लगभग 70 प्रतिशत इम्यूनिटी पाचन तंत्र में होती है. क्योंकि वहां पाएं जाने वाले बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीव आंत को संक्रमण से बचाते हैं और इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं.
घाव भरने में समय लग रहा है (Wounds Are Slow to Heal)
जिसकी इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है, उसके शरीर में कोई भी घाव या चोट को ठीक होने में कम समय लगता है. लेकिन जिसकी इम्यूनिटी कमजोर है, उसकी चोट या घाव भरने में अधिक समय लगता है. अगर आपके साथ भी यह समस्या है तो समझ लीजिए आपकी इम्यूनिटी कमजोर है.
बार-बार इंफेक्शन हो रहा है (You Have Frequent Infections)
यदि आप बार-बार होने वाले संक्रमणों से जूझते दिखते हैं तो हो सकता है कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो. अमेरिकन एकेडमी ऑफ एलर्जी अस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक, वयस्कों में इम्यूनिटी कमजोर होने के ये संकेत हो सकते हैं:
- 1 साल में 4 से अधिक बार कान का संक्रमण
- 1 साल में 2 बार निमोनिया
- 1 साल में 3 बार बैक्टीरियल साइनसिसिस
- 1 साल में 2 बार से अधिक एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत पढ़ना
हमेशा थकान बने रहना (Feel Tired All the Time)
हमेशा थकान बने रहना और शरीर में एनर्जी न रहना भी कमजोर इम्यूनिटी का संकेत है. इसका कारण है कि जब इम्यूनिटी कमजोर होती है तो शरीर कमजोर हो जाता है और हमेशा थकान बनी रहती है.
इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए क्या करें? (What to do to boost immunity)
ऊपर बताए संकेत बताते हैं कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है और आपको उस पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर आप इम्यूनिटी बढ़ाना चाहते हैं तो लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके और नीचे बताए तरीकों से इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं, जिससे कोरोना के नए वैरिएंट के साथ स्वस्थ रहने में भी मदद मिलेगी.
- बैलेंस डाइट लें
- अच्छी नींद लें
- रोजाना एक्सरसाइज करें
- वैक्सीनेशन कराएं
- हेल्दी वजन मेंटन करें
- धूम्रपान न करें
- स्ट्रेस कम लें
(NOTE: अधिक जानकारी के लिए किसी एक्सपर्ट से संपर्क करें, वो आपकी स्थिति देखकर सही सलाह दे पाएगा.)