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उत्तराखंड: पेपर लीक के बाद 21 सितंबर को हुई UKSSSC परीक्षा पर रोक, 1 महीने के भीतर पूरी करनी होगी जांच

UKSSSC पेपर लीक मामले में राज्य सरकार ने रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर एक माह में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं. 21 सितंबर की परीक्षा की प्रक्रिया रोक दी गई है. मुख्य आरोपी खालिद हरिद्वार से गिरफ्तार हुआ, जबकि उसकी बहन पहले ही पकड़ी जा चुकी है. जैमर की कमी और चार केंद्रों से आवेदन मामले की गंभीरता दिखाते हैं.

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UKSSSC पेपर लीक मामला सामने आने के बाद विरोध प्रदर्शन हुआ. (Photo: Screengrab)
UKSSSC पेपर लीक मामला सामने आने के बाद विरोध प्रदर्शन हुआ. (Photo: Screengrab)

UKSSSC के पेपर लीक मामले को लेकर देहरादून में बुधवार को मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने प्रेस से बात की. इस दौरान डीजीपी दीपम सेठ और गृह सचिव शैलेश बगौली भी मौजूद रहे. मुख्य सचिव ने बताया कि हाल ही में हुई UKSSSC परीक्षा को लेकर राज्य सरकार ने गंभीरता दिखाई है. मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाएगी, जिसे एक माह के भीतर जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही 21 सितंबर को हुई परीक्षा की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश जारी कर दिया गया है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि निष्पक्ष जांच और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाए गए हैं.

पेपर लीक प्रकरण में मंगलवार को पुलिस को बड़ी सफलता मिली. मामले के मुख्य आरोपी खालिद को हरिद्वार के एक गुप्त ठिकाने से हिरासत में लिया गया. यह कार्रवाई देहरादून और हरिद्वार के SSP की संयुक्त टीम ने की.

खालिद की बहन साबिया को पकड़ चुकी है पुलिस
सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रश्नपत्र कांड में खालिद की बहन साबिया को पहले ही पुलिस पकड़ चुकी है. जांच में सामने आया कि खालिद बहादराबाद परीक्षा केंद्र के कमरे नंबर-9 में परीक्षा दे रहा था, जहां जैमर नहीं लगाया गया था. केंद्र के 18 कक्षों में से केवल 15 में जैमर लगे थे, जबकि 3 कमरे इससे बाहर रहे. इसी कमी ने पेपर लीक की संभावना को बल दिया.

चार अलग-अलग केंद्रों से आवेदन किए
पुलिस जांच में यह भी उजागर हुआ कि खालिद ने चार अलग-अलग केंद्रों से आवेदन किए थे, जबकि नियम के अनुसार किसी भी उम्मीदवार को सिर्फ एक केंद्र से ही आवेदन करने की अनुमति है. आरोप है कि उसकी बहन साबिया ने टिहरी स्थित एक सहायक प्रोफेसर को पेपर भेजा, जहां से समाधान तैयार कर खालिद तक पहुंचाए गए. हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रश्नपत्र किस डिवाइस के जरिए परीक्षा केंद्र से बाहर गया.

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खालिद की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियों को कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है. पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर तीन कमरों में जैमर क्यों नहीं लगाए गए और इस पूरे नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है. फिलहाल खालिद को पूछताछ के लिए देहरादून लाया गया है.

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