उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त का दिन लोगों के लिए काल साबित हुआ. सुबह सब कुछ शांत था और गांव के पास सोमेश्वर देवता के मंदिर में हारदूद मेले की पूजा चल रही थी. दोपहर करीब 1:30 बजे अचानक जलजला आया और बाढ़ की गर्जना करती आवाज ने पास के मुखवा गांव के लोगों को चौंका दिया. मुखवा के ग्रामीणों ने सीटियां बजाकर धराली के लोगों को चेताया.
कुछ लोग सतर्क हो गए लेकिन कई जलजले की चपेट में आ गए. यह प्रहार इतना खतरनाक था कि अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को बहा ले गया. इसके बाद दोपहर करीब 2:30 बजे फिर से बाढ़ का प्रकोप आया. खीर गंगा में उफान आ गया जिससे मुखवा को जोड़ने वाला पुल और मोबाइल टावर भी बह गए.
जलजला भयभीत हैं लोग
तीसरा, चौथा और पांचवां प्रहार दोपहर 3 से 4 बजे के बीच आया. गांव में फिर से अफरातफरी मच गई. छठा और आखिरी प्रहार शाम 6 बजे हुआ. इस दौरान ग्रामीण स्तब्ध रह गए. मोबाइल टावर गिर जाने से संचार व्यवस्था ठप हो गई और बिजली पूरी तरह बंद हो गई. किसी से भी संपर्क करना संभव नहीं रहा. ग्रामीण पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कट गए.
(रिपोर्ट- ओमकार बहुगुणा)