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उत्तराखंड: तीर्थ पुरोहितों के विरोध के आगे झुकी सरकार, देवस्थानम बोर्ड का काम रोका

देवस्थानम बोर्ड के गठन को लेकर उत्तराखंड में तीर्थ पुरोहितों का विरोध प्रदर्शन जारी है. लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार ने बोर्ड के काम पर रोक लगा दी है. तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया जाए.

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तीर्थ पुरोहित, देवस्थानम बोर्ड के गठन के खिलाफ कर रहे विरोध प्रदर्शन (फाइल फोटो)
तीर्थ पुरोहित, देवस्थानम बोर्ड के गठन के खिलाफ कर रहे विरोध प्रदर्शन (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • देवस्थानम बोर्ड को भंग कराना चाहते हैं पुरोहित
  • बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहा है संगठन
  • देवस्थानम बोर्ड का काम अगले आदेश तक रुका

उत्तराखंड में देवस्थान बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित केदारनाथ में बीते 2 वर्षों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज के लोग सरकार से नाराज चल रहे हैं. तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज ने जब सामूहिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता छोड़ने की धमकी दी तो सरकार बैकफुट पर आ गई.

उत्तराखंड सरकार ने कमेटी की रिपोर्ट आने तक, देवस्थानम बोर्ड के काम-काज पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है. पुजारी समाज देवस्थानम बोर्ड के गठन के चलते नाराज चल रहा है. हाल ही में केदारनाथ और बद्रीनाथ के तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने भी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी थीं.

देवस्थानम बोर्ड के गठन पर पुजारी संघ को आपत्ति है. केदारघाटी के मुख्य बाजारों में भी तीर्थ पुरोहित प्रदर्शन कर चुके हैं. प्रदर्शनों के बाद भी सरकार ने पूरे प्रकरण में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है. यही वजह है कि तीर्थ पुरोहित समाज में घटना को लेकर बेहद आक्रोश देखने को मिल रहा है.

उत्तराखंडः देवता पर दावा! 

बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे तीर्थ पुरोहित

अब तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ एक नया रास्ता अख्तियार किया है. तीर्थ पुरोहित बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने कहा है कि देवस्थानम बोर्ड बिना तीर्थ पुरोहितों को सूचना दिए हुए बनाया गया है. जिससे उनके अधिकारों का हनन हुआ है.

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देवस्थान बोर्ड भंग करने की है मांग

तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एक तरफ हिंदुत्व की बात करती है, वहीं दूसरी ओर सरकार चारों धामों सहित, 51 मठ-मंदिरों में देवस्थानम बोर्ड लागू करके देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था को चोटिल कर रही है. अगर सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करती है तो आने वाले दिनों में बीजेपी से जुड़े हुए सभी तीर्थ पुरोहित बीजेपी से इस्तीफा देंगे.

चुनाव से पहले पुरोहितों की नाराजगी पड़ेगी भारी!

तीर्थ पुरोहितों को नाराजगी खत्म करने के लिए सरकार ने उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड की कार्यवाही को अगले आदेश तक रोक दिया है. यह जानकारी खुद  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी है. तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज के लोग सरकार से नाराज चल रहे हैं. उनकी मांग है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया जाए. सरकार चुनाव से पहले इन्हें नाराज नहीं करना चाहती. भारी विरोध के चलते आज कमेटी की रिपोर्ट आने तक देवस्थानम बोर्ड के काम काज पर मंगलवार को सरकार ने रोक लगा दी.
 

कमेटी की रिपोर्ट आने तक रुका बोर्ड का काम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है. आंदोलन में कहा जा रहा है कि इससे तीर्थ पुरोहितों के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में सरकार ने हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया है, जो सभी शिकायतों और समस्याओं का निस्तारण करेगी. फिलहाल कमेटी की रिपोर्ट आने तक देवस्थानम बोर्ड के काम को रोका गया है.
 

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