उत्तर प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र से शिवपाल के बेटे आदित्य यादव का कब्जा खत्म हो गया है. अब पीसीएफ के नए अध्यक्ष वाल्मीकि त्रिपाठी बनाए गए हैं. रमाशंकर जायसवाल उपसभापति निर्वाचित किए गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव पिछले 10 सालों से पीसीएफ के सभापति थे. इस बार सभापति का चयन करने वाले फेडरेशन की 14 सदस्य कमेटी में भाजपा के 11 सदस्य निर्विरोध चुने गए. सभापति बनने के लिए फेडरेशन के 14 सदस्य बोर्ड में शामिल होना जरूरी है. जबकि बीजेपी ने आदित्य यादव को बोर्ड का सदस्य तक नहीं बनने दिया. बाकी बची 3 सीटें महिला कोटे की हैं, जिन्हें सरकार मनोनीत करेंगे.
पहली बार सहकारिता में सपा का कब्जा नहीं
यूपी के सहकारिता चुनाव में इतिहास में पहला मौका है जो समाजवादी पार्टी किसी भी शीर्ष स्थान पर नहीं है. यूपी कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सहकारी ग्राम विकास बैंक, यूपी राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड, यूपी राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड समेत अन्य सभी सहकारी संस्थाओं में बीजेपी पहले ही काबिज हो चुकी है.
शिवपाल की विरासत संभाले थे आदित्य
पीसीएपी एक ऐसी संस्था थी, जिसका चुनाव पिछले कार्यकाल में नहीं हो सका था और भाजपा ने यहां भी अपना झंडा बुलंद कर दिया. सहकारिता के क्षेत्र में 1991 में मुलायम सिंह यादव परिवार की एंट्री हुई थी. 1994 में शिवपाल यादव पीसीएफ के सभापति बने थे. उसके बाद उनके बेटे आदित्य यादव चुने गए थे.
बसपा शासनकाल में भी नहीं हो सका था चुनाव
2007 से 2012 तक मायावती 5 साल तक मुख्यमंत्री रहीं. बीएसपी के शासनकाल में भी सपाइयों ने कोर्ट में मामला उलझाकर चुनाव नहीं होने दिया और अपने सियासी वर्चस्व को बरकरार रखा था. हाल ही में 2022 के चुनाव के बाद तय हो गया था कि बीजेपी पीसीएफ का चुनाव कराने जा रही है और शिवपाल यादव के बेटे आदित्य की इस पद से विदाई हो सकती है.