राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर चुनाव आयोग की तिरछी नजर पड़ गई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने गहलोत के पर एक समारोह के जरिए शक्ति प्रदर्शन का आरोप लगाया है. इस सिलसिले में राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय चुनाव आयोग को भेज दी है.
समझा जा रहा है कि सभा में जय-जयकार के नारे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को महंगे पड़ सकते हैं. वे चुनाव आचार संहिता के उल्लघंन के आरोप में फंस सकते हैं, क्योंकि राज्य निर्वाचन आयोग को लगता है कि सहकारिता मंत्री परशादी लाल मीणा के घर दौसा में आयोजित पोते के मुंडन का आयोजित कार्यक्रम तो निजी था, लेकिन उसका मकसद राजनीतिक था.
राज्य निर्वाचन आयोग ने गहलोत सरकार पर निजी समारोह के जरिए राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कार्यक्रम की सीडी और रिपोर्ट केन्द्रीय चुनाव आयोग को भेज दी है.
दरअसल, सहकारिता मंत्री परशादी लाल मीणा ने पोते के मुंडन के नाम पर करीब बीस हजार लोगों का सामूहिक भोज किया. चुनावी दौर में भोज के बहाने शक्ति प्रदर्शन किया. हालांकि अब मुख्यमंत्री समेत सहकारिता मंत्री भी इसे निजी कार्यक्रम ही बता रहे हैं.