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अरुण जेटली के सरकारी बंगले से हुई थी नजफगढ़ के नवाब की शादी

क्रिकेट और क्रिकेटर्स के बेहद करीबी रहे जेटली आज भले दुनिया को अलविदा कह गए हों, लेकिन उनकी फेयर डिलीवरी को भूल पाना मुश्किल है. खिलाड़ियों के बीच भी जेटली की खूब बनती थी. नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग ने तो अपनी वेडिंग सेरेमनी तक जेटली के सरकारी बंगले से की थी.

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अरुण जेटली (फाइल फोटो)
अरुण जेटली (फाइल फोटो)

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली अब हमारे बीच नहीं हैं. आज दोपहर 12.07 बजे उन्होंने एम्स में आखिरी सांस ली. जेटली का दिल्ली क्रिकेट से गहरा नाता रहा है. वह लगातार 13 साल तक डीडीसीए के प्रेसिडेंट रहे. उनके कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया को कई दिग्गज खिलाड़ी मिले. गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, ईशांत शर्मा, विराट कोहली, शिखर धवन उन्हीं के दौर के खिलाड़ी हैं.

क्रिकेट और क्रिकेटर्स के बेहद करीबी रहे जेटली आज भले दुनिया को अलविदा कह गए हों, लेकिन उनकी फेयर डिलीवरी को भूल पाना मुश्किल है. खिलाड़ियों के बीच भी जेटली की खूब बनती थी. नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग ने तो अपनी वेडिंग सेरेमनी तक जेटली के सरकारी बंगले से की थी. उस दौरान अरुण जेटली कानून मंत्री हुआ करते थे. 9 अशोक रोड स्थित जेटली का सरकारी बंगला था. उस वक्त जेटली दिल्ली के कैलाश कॉलानी रहते हैं और सरकारी बंगले पर ऐसे कार्यक्रम के आयोजन पर पाबंदी भी नहीं थी.

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जेटली के बचाव में आ गए थे सहवाग

एक वक्त DDCA भ्रष्टाचार मामले में जब अरुण जेटली घिर रहे थे तो क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने जेटली का खुलकर समर्थन किया था. सहवाग ने ट्वीट कर लिखा था कि 'डीडीसीए में मेरे समय में अगर मुझे कभी किसी खिलाड़ी के अचानक सेलेक्शन का पता चलता था तो मैं चाहता था कि जेटली को जानकारी दे दूं. अरुण जेटली तुरंत उसे सुधारने और योग्य खिलाड़ियों को इंसाफ दिलाने का भरोसा देते थे. डीडीसीए के दूसरे लोगों से बात करना उचित नहीं था, लेकिन जेटली मुश्किल घड़ी में खिलाड़ियों के साथ रहते थे.'

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2015 में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत आप के कई नेताओं ने वित्त मंत्री जेटली के खिलाफ भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि जेटली ने 13 साल तक डीडीसीए प्रेसिडेंट रहते घोटाला किया था. इस दौरान वित्त मंत्री ने कई दिनों तक आरोपों को खारिज किया. बाद में अरविंद केजरीवाल सहित कई AAP नेताओं पर अलग-अलग दो केस फाइल किए और 10-10 करोड़ के मुआवजे की मांग की थी. हालांकि बाद में आप नेताओं ने माफी मांग ली थी, जिसके बाद केस खत्म हो गया था.

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