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तेलंगाना के सीएम ने 5 करोड़ के चढ़ावे के बाद अब दान की 'सोने की मूंछ'

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर कुरावी वीरभद्रा स्वामी मंदिर में 'सोने की मूंछ' दान दी. इसे स्थानीय भाषा में 'बंगारू मीसालू' कहा जाता है. दो दिन पहले राव ने तिरुपति में भगवान वेंकेटेश्वर मंदिर में पांच करोड़ रुपये के स्वर्ण आभूषण दान किए थे. उस वक्त राव पर सरकारी फंड का बेजा इस्तेमाल करने के आरोप लगे थे.

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राव ने दो दिन पहले भगवान वेंकेटेश्वर मंदिर में पांच करोड़ रुपये के स्वर्ण आभूषण दान किए थे
राव ने दो दिन पहले भगवान वेंकेटेश्वर मंदिर में पांच करोड़ रुपये के स्वर्ण आभूषण दान किए थे

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर कुरावी वीरभद्रा स्वामी मंदिर में 'सोने की मूंछ' दान दी. इसे स्थानीय भाषा में 'बंगारू मीसालू' कहा जाता है. दो दिन पहले राव ने तिरुपति में भगवान वेंकेटेश्वर मंदिर में पांच करोड़ रुपये के स्वर्ण आभूषण दान किए थे. उस वक्त राव पर सरकारी फंड का बेजा इस्तेमाल करने के आरोप लगे थे.

महबूबाबाद जिले में स्थित कुरावी वीरभद्र स्वामी मंदिर में मुख्यमंत्री राव अपने परिवार के सदस्यों के साथ पहुंचे. उन्होंने मंदिर में जो 'सोने की मूंछ' दान दी, उसकी कीमत 75,000 रुपये बताई जा रही है. इस मंदिर में जाने से पहले राव कीसारा के एक प्रसिद्ध शिव मंदिर में भी गए और वहां पूजा-अर्चना की.

तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर में बुधवार को राव ने स्वर्ण आभूषण दान किए थे, तो बताया गया था कि उन्होंने तेलंगाना राज्य बनने पर भगवान वेंकेटेश्वर का आभार जताने के लिए ऐसा किया. मुख्यमंत्री राव ने तेलंगाना आंदोलन के वक्त ये शपथ ली थी कि तेलंगाना राज्य बनने पर वह स्वर्ण आभूषण दान देंगे.

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वहीं राव के विरोधियों का कहना है कि मुख्यमंत्री अपनी निजी मान्यताओं को पूरा करने के लिए जनता के पैसे का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं.

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