शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने अमृतसर पुलिस से मांग करते हुए कहा कि फैशन डिजाइनर और लाइफस्टाइल इन्फ्लुएंसर अर्चना मकवाना (fashion designer Archana Makwana) को अरेस्ट किया जाए. अर्चना पर आरोप है कि उन्होंने स्वर्ण मंदिर परिसर में योग करके सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. इससे कुछ घंटे पहले ही अर्चना ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि एसजीपीसी उनके खिलाफ अपनी शिकायत वापस ले, क्योंकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया.
एजेंसी के अनुसार, पंजाब पुलिस ने हाल ही में एसजीपीसी की शिकायत पर अर्चना मकवाना के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अर्चना के खिलाफ आईपीसी की धारा 295ए के तहत केस दर्ज किया गया है. हालांकि, अर्चना मकवाना ने माफी भी मांगी है और कहा है कि उनका किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था. बता दें कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मकवाना स्वर्ण मंदिर पहुंचीं थीं और परिक्रमा पथ पर योग किया था.

अर्चना मकवाना ने गुरुवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और एसजीपीसी को उनके खिलाफ अपनी शिकायत वापस ले लेनी चाहिए. इस बीच, एसजीपीसी ने गुरुवार को कहा कि अमृतसर पुलिस को मकवाना को गिरफ्तार करना चाहिए. उनके मामले का फैसला अदालत में किया जाना चाहिए.
एसजीपीसी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि अपने वीडियो में मकवाना ने दावा किया है कि वहां पर कोई रूल रेगुलेशन नहीं लिखे थे, जबकि घंटाघर के एंट्री गेट पर एक बड़ी स्क्रीन लगी है. वहीं से अर्चना मकवाना परिसर में दाखिल हुई थीं. एसजीपीसी ने कहा कि अर्चना दावा कर रही हैं कि किसी ने उन्हें वीडियो बनाने या फोटो खींचने से नहीं रोका, जबकि सच्चाई यह है कि 21 जून को ड्यूटी पर तैनात सेवादार ने एंट्री गेट पर रोक दिया था, जब वे मोबाइल पर एंट्री का वीडियो बना रही थीं.

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एसजीपीसी प्रवक्ता ने दावा किया कि मकवाना ने 21 जून को स्वर्ण मंदिर या परिसर के अंदर गुरुद्वारा साहिब में मत् नहीं टेका. अर्चना 20 जून को भी श्री हरमंदर साहिब गई थीं, जब उन्होंने मत्था टेका और सेवा की, लेकिन इसके अगले दिन उन्होंने मर्यादा का उल्लंघन किया. शीर्ष गुरुद्वारा संस्था ने कहा कि 20 जून को अर्चना को दरबार साहिब के कर्मचारियों ने हर संभव मार्गदर्शन दिया था, लेकिन 21 जून को अर्चना ने किसी भी मार्गदर्शन की आवश्यकता महसूस नहीं की और परिसर के अंदर आपत्तिजनक कार्य किया.
गुरुवार को जारी वीडियो में अर्चना ने कहा कि मेरा इरादा गलत नहीं था. एसजीपीसी के द्वारा मेरे खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर निराधार है. मंदिर में कहीं भी यह नहीं लिखा था कि इस तरह के कार्यों की अनुमति नहीं है. मैं पहली बार वहां गई थी. अगर मुझे बताया जाता तो मैं तुरंत उन तस्वीरों को हटा देती. मैं चाहती हूं कि एसजीपीसी अपनी एफआईआर वापस ले, नहीं तो मैं और मेरी लीगल टीम इस मामले को लड़ने के लिए तैयार हैं.