सिखों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त के जत्थेदार की और से भारत में सिखों के असुरक्षित होने को लेकर दिए एक बयान को लेकर पंजाब में राजनीतिक हंगामा शुरू हो गया. श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि सिख ना तो भारत में और ना ही पाकिस्तान में सुरक्षित हैं.
हरप्रीत सिंह कहा कि भारत में ही मेघालय की राजधानी शिलांग में वर्षों से बसे सिखों को उजाड़ा गया. मध्य प्रदेश में भी सिखों के घरों को तोड़ दिया गया. पाकिस्तान में सिखों का कत्ल किया जा रहा है. पाकिस्तान छोड़ने की धमकियां दी जा रही हैं. इस प्रकार के हालात में किसी भी सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं है. सिखों की इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए एकजुट रहना होगा.
उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) को निर्देश दिया कि वो केंद्र के साथ संपर्क स्थापित करे और पाकिस्तान के सिखों को इंसाफ दिलवाने के लिए ठोस कदम उठाने का दबाव बनाए . ज्ञानी हरप्रीत सिंह के बयान के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पूरे मामले में अकाली दल को लपेट लिया.
I don’t think Sikhs are unsafe in India but if there’s a feeling of insecurity among them, as Akal Takht Jathedar has said, then fault lies with Centre and @Akali_Dal_. @officeofssbadal should immediately quit @BJP4India coalition & @HarsimratBadal_ should quit Union Cabinet. pic.twitter.com/A7TKKHyQIT
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) January 7, 2020
उन्होंने कहा कि अकाल तख्त के जत्थेदार ने जो चिंता जाहिर की है वो बेहद ही गंभीर है और अगर अकाल तख्त ये मानता है कि देश में सिख असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तो ऐसे में अकाली दल पर तुरंत दबाव बनाना चाहिए. वो तुरंत ही केंद्र सरकार से अलग हो जाए और केंद्र सरकार पर सिखों की सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाने का दबाव बनाना चाहिए. हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि वो इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि भारत में सिख असुरक्षित हैं.