राष्ट्रपति ट्रम्प ने मोदी और पुतिन की दोस्ती को लेकर जो अनुमान लगाया था, वह गलत साबित हुआ. ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को अलग करने के लिए भारत पर विभिन्न दबाव बनाये. अमेरिकी प्रशासन ने रूस से कच्चा तेल खरीदने के खिलाफ लगातार भारत का विरोध किया, जबकि युद्ध के शुरुआती दौर में अमेरिका ने भारत को तेल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए प्रोत्साहित किया था. भारत पर ये दबाव मोदी पुतिन की दोस्ती को कमजोर करने में असफल रहे.