पश्चिम बंगाल में टीएमसी के अंदर जारी अंदरूनी लड़ाई पर आज विस्तार से मंथन हुआ. सीएम ममता बनर्जी ने आपात बैठक बुलाई थी जहां पर हर मुद्दे पर अपनी बात रखी गई. अब उस बैठक के बाद पार्टी की तरफ से एक 20 सदस्यों की कमेटी बना दी गई है. इस कमेटी में अभिषेक बनर्जी को भी शामिल किया गया है.
जानकारी के लिए बता दें कि National Working Committee पार्टी की सबसे बड़ी कमेटी मानी जाती है जहां पर हर फैसला होता है. इस बार कमेटी में कुल 20 लोग शामिल किए गए हैं. पार्टी ने साफ कर दिया है कि इन सभी सदस्यों में किसी को भी कोई नई पोस्ट नहीं दी गई है. वहीं जो वर्तमान पद भी दिए गए थे, उन्हें अभी के लिए भंग कर दिया गया है. बाद में पार्टी द्वारा फिर जिम्मेदारियां बांटी जाएंगी. जो लिस्ट सामने आई है उसके मुताबिक अमित मित्रा, पार्थ चटर्जी, सुब्रत बख्शी, सुदीप बंदोपाध्याय, बुलिचिक बारिको, चंद्रिमा भट्टाचार्जी, सुखेंदु शेखर रॉय, आशिमा पात्रा, मोलॉय पात्रा, अनुब्रत मंडल, राजीव त्रिपाठी, गौतम देब को इस कमेटी का हिस्सा बनाया गया है. इनके अलावा कुछ समय पहले ही टीएमसी में आने वाले यशवंत सिन्हा को भी इस कमेटी का हिस्सा बना दिया गया है. इस कमेटी में देखने वाली बात ये है कि डेरेक ओ ब्रायन और Sougata Ray जैसे दिग्गज नेताओं को शामिल नहीं किया गया है.
अभी के लिए पार्टी ने ये साफ नहीं किया है कि इस कमेटी के जरिए कौन से उदेश्यों को पूरा किया जाएगा, लेकिन वर्तमान विवाद को देखते हुए इसे निर्णायक फैसला माना जा रहा है. वैसे जिस विवाद की वजह से ये बैठक बुलाई गई थी, असल में वो जंग काफी पुरानी है. पिछले साल अगस्त में टीएमसी ने वन पर्सन वन पोस्ट की पहल शुरू कर दी थी. उस पहल के तहत परिवारवाद को खत्म करने की कवायद थी.
लेकिन जब बंगाल निकाय चुनाव आए, तब सीएम ममता बनर्जी ने कुछ ऐसे प्रत्याशियों को भी टिकट दिया, जिनके पास पहले से पार्टी के अंदर कोई पोस्ट मौजूद थे, ऐसे में वन पर्सन वन पोस्ट वाली पहल धूमिल हो गई. इसने पार्टी के युवा नेताओं को नाराज कर दिया. बताया गया कि अभिषेक बनर्जी भी इसी वजह से नाराज चल रहे थे. बाद में पार्टी के ही युवा नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी मुहिम को और तेज कर दिया. हर तरफ सिर्फ वन पर्सन वन पोस्ट वायरल रहा.
इसके अलावा प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC से भी टीएमसी की तकरार अब जगजाहिर हो चुकी है. पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य पहले ही कह चुकी हैं कि उनके बिना पूछे उनके सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए कुछ ट्वीट किए गए हैं. इस वजह से प्रशांत की कंपनी पार्टी के अंदर सभी के निशाने पर है.