रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) फिलहाल दिल्ली AIIMS के डायरेक्टर बने रहेंगे. उनको केंद्र सरकार की तरफ से एक्सटेंशन मिल गया है. बता दें कि AIIMS के डायरेक्टर के रूप में रणदीप गुलेरिया का कार्यकाल 24 मार्च 2022 यानी कल खत्म हो रहा था. फिलहाल उनको 3 महीने का एक्सटेंशन मिल गया है. हालांकि, अगर इससे पहले उनका विकल्प मिल जाता है तो गुलेरिया उससे पहले पद छोड़ सकते हैं.
बता दें कि AIIMS के नए डायरेक्टर के नाम पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति करेगी. इस समिति के सदस्यों में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, जैव प्रौद्योगिकी विभाग सचिव राजेश एस. गोखले, सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन शामिल हैं.
कोरोना काल से गुलेरिया को मिली अलग पहचान
AIIMS के निदेशक के तौर पर गुलेरिया का कोरोना को लेकर दिए सुझाव ना केवल लोगों ने माना बल्कि कई तरह से भ्रम को गुलेरिया ने अपना साफगाई से दूर भी किया. पेशे से पलमोलॉजिस्ट गुलेरिया ने प्रदूषण से फेफड़े पर पड़ने वाला दुष्प्राभावों के बारे में काफी गहन अध्ययन भी किया है. तीसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर गुलरिया के ऑक्सीजन की कमी वाले ट्वीट पर सियासी तीर भी चले थे.
AIIMS के बाहर के डॉक्टर्स ने भी किया था अप्लाई
इस बार एम्स के निदेशक पद के लिए एम्स के बाहर के डॉक्टर्स ने भी अप्लाई किया था. यहां ये जानना जरूरी है कि केवल एम्स के ही नहीं बल्कि किसी भी अस्पताल के डायरेक्टर जिनके पास डॉक्टरी का 25 साल का अनुभव, 10 साल का रिसर्च के साथ ही टीचिंग का भी अनुभव हो, वे इस पद के लिए आवेदन कर सकते हैं.
सबसे आगे था बलराम भार्गव का नाम
अटकलें लगाई जा रही थीं कि लंबे समय बाद AIIMS के बजाय किसी दूसरे अस्पताल के डॉक्टर को भी नियुक्त किया जा सकता है. इस रेस में सबसे आगे बलराम भार्गव का नाम था. बलराम भार्गव वर्तमान में ICMR के डीजी हैं. कहते हैं कि 14 साल की उम्र में पिता को हार्ट अटैक आने के बाद भार्गव ने इलाज करने को ही अपना पेशा बना लिया. यही वजह है कि आज भी बिजी शेड्यूल में वे लोगों के इलाज के लिए समय निकाल लेते हैं.