गुजरात विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी गलियारों में सरगर्मियां तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद और गुजरात प्रदेश के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अमरेली जिले में पिछले 27 सालों में बीजेपी की अहंकारी सरकार ने एक भी हाईस्कूल नहीं बनाया, एक भी कॉलेज नहीं बनाया, एक भी सिविल हॉस्पिटल खड़ा नहीं किया. ऐसा लगता है कि अमरेली जिले को जानबूझकर पिछड़ा रखा गया.
उन्होंने अमरेली के नाम पर बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अगर किसी आदमी को एक्स-रे करवाना है तो उसे राजकोट जाना पड़ता है, यहां पानी की भी समस्या है, तीन से चार दिन में एक बार पानी आता है. यहां न कोई इंडस्ट्री है और ना ही रोजगार की व्यवस्था है.
राघव चड्ढा ने कहा कि अमरेली जिले में गुजरात को और देश को काफी सारे विधायक सांसद और मंत्री दिए हैं. लेकिन इन नेताओं ने अमरेली जिले को कुछ नहीं दिया. सौराष्ट्र के साथ भाजपा की 27 साल पुरानी सरकार ने हमेशा सौतेला व्यवहार किया है, लेकिन आने वाले समय में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार सौराष्ट्र में विकास कार्य करेगी.
चड्ढा ने कहा कि जैसे दिल्ली और पंजाब के लोगों ने दशकों पुरानी पार्टियों को उखाड़ फेंका और नई राजनीतिक पार्टी आम आदमी पार्टी को मौका दिया, इसी तरह गुजरात की जनता भी अरविंद केजरीवाल को एक मौका दें. भाजपा ने ने सौतेला सौराष्ट्र बनाया लेकिन हम 'अपना सौराष्ट्र' बनाएंगे.
'गुजरात साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज में दबा'
राघव चड्ढा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात में बीते 27 साल से भाजपा की सरकार रही है. 27 साल पहले करीब 35 साल गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी. यानी गुजरात की जनता ने कांग्रेस को 35 साल और भाजपा को 27 साल दिए. इसका मतलब है कि बीते 62 सालों से ये दोनों पार्टियां मिलकर गुजरात को बर्बाद कर रही हैं. इन लोगों को बार-बार मौके दिए गए लेकिन उन्होंने अमरेली जिले और गुजरात के लिए कुछ नहीं किया.
उन्होंने कहा कि गुजरात की भ्रष्ट सरकार ने राज्य को साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्ज में जकड़ रखा है. गुजरात की जनता को जितनी व्यापार की समझ है, उतनी समझ किसी को नहीं है. यहां की आबोहवा में व्यापार है. गुजराती लोग घाटे के कारोबार को भी मुनाफे में बदल देते हैं लेकिन गुजरात के भ्रष्ट नेताओं ने मुनाफाखोरी करने वाली सरकार को कर्जदार बना दिया है. गुजरात की कुल आबादी साढ़े छह करोड़ है और साढ़े तीन लाख करोड़ का कर्ज है, इसलिए कहा जा सकता है कि प्रति व्यक्ति 58,000 का कर्ज है. गुजरात में एक बच्चा पैदा होते ही उन पर 58,000 का कर्ज बढ़ जाता है.