LGBTQ कपल्स की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में एक अर्जी दायर की गई है, जिसका केंद्र सरकार ने विरोध किया है. LGBT जोड़ों की अर्जी समलैंगिक विवाहों से जुड़ी है. कहा गया है कि समलैंगिक विवाहों की याचिकाओं पर होने वाली सुनवाई को लाइव स्ट्रीम किया जाना चाहिए. केंद्र सरकार ने कहा है कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का नहीं है इसलिए ऐसा नहीं किया जा सकता.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्र सरकार ने कहा है कि याचिकाकर्ता ऐसा करके ड्रामा क्रिएट करना चाहती है, जिससे सहानुभूति जीती जा सके. कहा गया कि न्याय कैसे मिलना है यह इस बात पर निर्भर नहीं करता कि कोर्ट की कार्यवाही को कितने लोग देख रहे हैं.
बता दें कि इस मामले पर मंगलवार यानी आज सुनवाई होनी है. दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला इसपर सुनवाई करेंगे.
कार्यवाही को यूट्यूब पर लाइव दिखाने की मांग
कोर्ट में कई सेम सेक्स कपल्स ने याचिकाएं दायर की हुई हैं. ये लोग उनकी शादी को विशेष विवाह अधिनियम, हिंदू विवाह अधिनियम और विदेशी विवाह अधिनियम आदि के तहत मान्यता देने की मांग कर रहे हैं. कोर्ट में इससे जुड़ी कुल आठ याचिकाएं लंबित हैं.
याचिकाओं पर होने वाली सुनवाई को लाइव दिखाने की मांग कुछ याचिकाकर्ताओं ने उठाई थी. कहा गया था कि हाईकोर्ट रजिस्ट्री आखिरी बहस को यूट्यूब आदि पर लाइव दिखाने की व्यवस्था करें. केंद्र ने इसे पब्लिस्टी का तरीका बताते हुए याचिका का विरोध किया है.
केंद्र के एफिडेविट में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि राष्ट्रीय महत्व के मामलों में लाइव स्ट्रीमिंग संभव है.