गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद पर गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की. उस बैठक के दौरान अमित शाह की तरफ से जोर देकर कहा गया कि वामपंथी उग्रवादी विचारों की इस देश में कोई जगह नहीं है और सरकार जीरो टॉलरेंस रखती है. गृह मंत्री ने ये भी कहा कि उग्रवाद प्रभावित राज्यों के साथ समन्वय बेहतर रखने की इस सरकार ने हर बार कोशिश की है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने किसी भी दल और विचारधारा के भेदभाव के बिना वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के साथ समन्वय बेहतर करने के लिए अनेक सफल प्रयास किये हैं. 4 दशकों मे पहली बार 2022 में नागरिकों और सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या 100 से कम रह गई है. प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए बनाई गई नीति के तीन प्रमुख स्तम्भ हैं- उग्रवादी हिंसा पर Ruthless Approach के साथ लगाम कसना, केंद्र-राज्य के बीच बेहतर समन्वय और विकास से जन-भागीदारी के माध्यम से वामपंथी उग्रवाद के प्रति समर्थन खत्म करना.
शाह ने जानकारी दी कि इस त्रि-सूत्रीय रणनीति से पिछले आठ वर्षो में वामपंथी उग्रवाद पर लगाम कसने में ऐतिहासिक सफलता मिली है, वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं में वर्ष 2010 के उच्च स्तर से 2022 में 76% की कमी आई है. वामपंथी उग्रवादी घटनाओं में जान गंवाने वाले नागरिकों तथा सुरक्षाकर्मियों की संख्या वर्ष 2010 के सर्वाधिक स्तर 1005 से 90% घटकर 2022 में 98 रह गई, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित ज़िलों की संख्या 90 से घटकर 45 रह गई है. इन प्रयासों के परिणामस्वरूप बूढ़ा पहाड़ और चकरबंदा जैसे दुर्गम क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ सफलता मिली है और बिहार, झारखंड तथा उड़ीसा को वामपंथी उग्रवाद से लगभग मुक्त करा लिया गया है. अमित शाह ने ये भी बताया कि वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों में ऑपरेशन में मदद और जवानों की जान बचाने के लिए बीएसएफ एयरविंग को सशक्त किया गया है, जिसके लिए पिछले एक वर्ष में नए पायलट्स और इंजिनियर्स की नियुक्ति हुई है.