मेक्सिको सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसपर भारत ने सख्त आपत्ति जताई है. मेक्सिको ने उन देशों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है जिनके साथ उनका कोई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नहीं है. भारत भी इस सूची में शामिल है. नए टैरिफ़ नियमों के अनुसार, कुछ प्रोडक्ट्स पर टैरिफ 50 प्रतिशत तक जा सकती है, जबकि ज्यादातर सामान पर करीब 35 प्रतिशत टैरिफ़ लगने की संभावना है.
भारत सरकार का कहना है कि मेक्सिको की ओर से फैसला लेने से पहले कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया. अपने सहयोगियों के बिना सलाह लिए गए फैसले आर्थिक संबंधों और वैश्विक व्यापार नियमों की भावना के खिलाफ है.
सरकार के एक सूत्र ने साफ शब्दों में कहा कि भारत समझता है कि यह कदम सीधे तौर पर भारत को निशाना बनाकर नहीं उठाया गया है, लेकिन फिर भी बिना चर्चा एमएफएन (मोस्ट फेवर्ड नेशन) टैरिफ बढ़ाना सही तरीका नहीं है.
1463 प्रोडक्ट कैटेगरी पर पड़ेगा असर
मेक्सिको की ओर से टैरिफ़ में किए गए बदलावों से कुल 1463 प्रोडक्ट कैटेगरी प्रभावित होंगी. भारत के अलावा चीन, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे एशियाई देशों पर टैरिफ़ का असर पड़ेगा.
वहीं मेक्सिको का का कहना है कि वह टैरिफ़ नियमों में इसलिए बदलाव किया गया ताकि घरेलू बिज़नेस को बढ़ावा दिया जाए और व्यापार घाटा कम किया जाए.
USMCA बातचीत और अमेरिकी दबाव की भी चर्चा
हालांकि, मेक्सिको ने स्थानीय उत्पादन को समर्थन देने और व्यापार घाटे को कम करने को इस कदम का मुख्य कारण बताया जा रहा है. यह भी माना जा रहा है कि चीन से आने वाले सामान को रोकने और अमेरिका के दबाव के चलते मेक्सिको अपनी टैरिफ नीति सख्त कर रहा है.
वाणिज्य विभाग कर रहा है असर का आकलन
भारत मेक्सिको के इस फैसले से सख्त नाराज़ है. इस पूरे मामले पर वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने मेक्सिको के उप-आर्थिक मंत्री लुइस रोसेन्डो से उच्च स्तर पर बातचीत की है.
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आने वाले दिनों में तकनीकी स्तर की और बैठकें होने की उम्मीद है. इससे पहले 30 सितंबर को मेक्सिको स्थित भारतीय दूतावास ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए भारत को इससे राहत देने की मांग की थी.
भारत का साफ संदेश: बातचीत भी, जरूरत पड़ी तो कार्रवाई भी
भारत का मानना है कि दोनों देशों के व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाए रखना आवश्यक है. भारत ने साफ किया है कि वह निर्यातकों के हितों की रक्षा करेगा और इसके लिए आवश्यक सभी कार्रवाई करेगा, लेकिन समाधान वार्ता के माध्यम से ही खोजेगा ताकि दोनों पक्षों के लिए संतुलित व्यापार वातावरण सुनिश्चित किया जा सके.