बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी पर हुई झड़प मामले में चुनाव आयोग ने एक्शन लिया है. घटना के दो दिनों बाद चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हिंसा को लेकर दो थाना प्रभारियों को हटा दिया है. आयोग ने बेलडांगा और शक्तिपुर पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारियों को हटाने के साथ सस्पेंड भी कर दिया गया है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बुधवार को रामनवमी जुलूस के दौरान झड़पें हुईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए. यह घटना शक्तिपुर इलाके में उस समय हुई जब एक गुट रामनवमी का जुलूस निकाल रहा था. वीडियो में लोग अपनी छतों से जुलूस पर पथराव करते दिख रहे हैं. इसमें कई लोग घायल भी हुए थे.
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि रिपोर्ट के मद्देनजर, आयोग ने पाया है कि इन दोनों पुलिस स्टेशनों के प्रभारी अपने अधिकार क्षेत्र में बार-बार होने वाली सांप्रदायिक हिंसा को रोकने में विफल रहे हैं. इसलिए उन्हें निलंबित करने का निर्देश दिया गया है.
निलंबन के दौरान शक्तिपुर और बेलडांगा के ओसी को पुलिस मुख्यालय से संबद्ध किया जाएगा. आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि निलंबित अधिकारियों के खिलाफ सक्षम प्राधिकारी द्वारा तत्काल आरोप पत्र जारी किया जाएगा.
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर राज्य में रामनवमी समारोह के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था और कहा कि पार्टी केवल अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए रक्तपात और हिंसा में विश्वास करती है. वहीं, बीजेपी ने रामनवमी पर हुई झड़प के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया. पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, "बंगाल टूट रहा है और इसके लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं. उनके अपमानजनक और सांप्रदायिक भाषणों के कारण पूरे बंगाल में राम भक्तों पर हमले हो रहे हैं."