scorecardresearch
 

10 मार्च से शुरू होगा BJP का सूफी संवाद कार्यक्रम, समुदाय के लोगों से पार्टी से जोड़ने की तैयारी

भारतीय जनता पार्टी सूफी समुदाय को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए 10 मार्च से अपना सूफी संवाद और सम्मेलन का कार्यक्रम शुरू करने जा रही है.  वैसे तो बीजेपी की योजना पूरे देश में उदारवादी मुसलमान माने जाने वाले सूफी समुदाय को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए इस तरह के सम्मेलन का आयोजन करने की है

Advertisement
X
भारतीय जनता पार्टी
भारतीय जनता पार्टी

देश के मुसलमानों के उदार तबके सूफी समुदाय को भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में लामबंद करने के लिए पार्टी 10 मार्च से अपना सूफी संवाद और सम्मेलन का कार्यक्रम शुरू करने जा रही है.  वैसे तो बीजेपी की योजना पूरे देश में उदारवादी मुसलमान माने जाने वाले सूफी समुदाय को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए इस तरह के सम्मेलन का आयोजन करने की है लेकिन भाजपा ने पहले चरण में खासतौर से कर्नाटक ( जहां इस वर्ष विधानसभा चुनाव होना है ) , महाराष्ट्र ( जहां भाजपा की सीधी लड़ाई पवार-कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गठबंधन से होनी है) और उत्तर प्रदेश ( जहां से लोक सभा के सबसे ज्यादा 80 सांसद चुन कर आते हैं ) पर फोकस करने की रणनीति बनाई है. 

सूत्रों की मानें. तो, बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 20 जगहों पर सूफी सम्मेलन और संवाद कार्यक्रम की योजना बनाई है. भाजपा का यह मानना है कि सूफी समुदाय से संवाद स्थापित करने से जहां एक ओर भाजपा के पक्ष में देशभर में माहौल बनेगा तो वहीं दूसरी तरफ सूफी मुसलमानों के मजबूत होने से देश में फैल रही मुस्लिम कट्टरता और वहाबी समुदाय की गतिविधियों पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी. 

दरअसल, देश भर में सूफी विचारधारा के लोगों को भाजपा के साथ जोड़ने के लिए पार्टी ने सूफी संवाद महाभियान चलाने का फैसला किया है. इसके लिए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने इसी महीने इस महाअभियान को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक प्रभारी और तीन सह प्रभारी की नियुक्ति की थी. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दिकी ने मौलाना सुहैब कासमी को सूफी संवाद महाभियान का प्रभारी बनाया था और उनका सहयोग करने के लिए इकबाल गौरी, गुलाम निजाम निजामी और अफगान चिश्ती को सह प्रभारी बनाया था.

Advertisement

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा देश के अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुसलमानों को भाजपा के साथ जोड़ने के लिए लगातार कई तरह के अभियान चला रहा है.  पिछले महीने बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पार्टी नेताओं से वोट मिलने की चिंता किए बगैर समाज के सभी तबकों के लोगों के साथ खासतौर से बोहरा एवं पसमांदा मुस्लिम,  सिख और ईसाइयों के अलावा अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के साथ रिश्ता कायम करने की अपील की थी.

 

Advertisement
Advertisement