मुंबई में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, विशेषकर बीएसटी बसों की स्थिति चिंताजनक है. 100 से अधिक एसी बसें डिपो में खराब पड़ी हैं, जबकि मुंबईकरों को हर दिन बसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. यह स्थिति 2018 में शिवसेना के कार्यकाल के दौरान दिए गए वेट लीज कॉन्ट्रैक्ट्स से जुड़ी है, जिनमें भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं.