महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व (TATR) के बफर जोन में रविवार को दो अलग-अलग बाघ हमलों में दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह घटनाएं नागभीड़ और मूल तहसीलों के जंगल क्षेत्रों में हुईं, जहां ग्रामीण तेंदू पत्ते इकट्ठा करने गए थे.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पहली घटना नागभीड़ तहसील के तालोधी वन क्षेत्र में हुई, जहां वधोना गांव निवासी 64 साल के मारोती शेंडे तेंदू पत्ते तोड़ने के लिए तड़के जंगल में गए थे. इस दौरान एक बाघ ने उन पर हमला कर दिया और गंभीर रूप से घायल कर दिया. वन विभाग की टीम ने उन्हें तत्काल सिंदेवाही के ग्रामीण अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
दूसरी घटना मूल तहसील के शिवपुर-चेक गांव की है, जहां रुशी पेंडोर नामक युवक शनिवार को लापता हो गया था. रविवार को तलाशी अभियान के दौरान उसका शव मूल रेंज के जंगल में मिला, जो TATR के बफर जोन में आता है. वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि रुशी की मौत भी बाघ के हमले से हुई है.
8 दिन में 8 लोगों की मौत
इन ताजा घटनाओं के साथ ही 10 मई से अब तक चंद्रपुर जिले में मानव-वन्यजीव संघर्ष में कुल आठ लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें सिंदेवाही तहसील में तीन महिलाओं पर हुए हमले भी शामिल हैं.
लगातार हो रही इन घटनाओं से स्थानीय ग्रामीणों में भय और आक्रोश का माहौल है. लोग तेंदू पत्ते, महुआ और अन्य जंगल उत्पादों के लिए हर साल जंगलों में जाते हैं, लेकिन वन्यजीवों की बढ़ती सक्रियता उनके जीवन के लिए खतरा बनती जा रही है. वन विभाग ने लोगों से जंगल में अकेले न जाने की अपील की है. कहा गया है कि अगर जाना जरूरी हो तो समूह में जाएं और इस दौरान सतर्क रहें.