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'राजनीतिक और पुलिस के दबाव में थी', सतारा महिला डॉक्टर सुसाइड केस में परिजनों का आरोप

फलटण उपजिला अस्पताल में तैनात महिला डॉक्टर ने होटल में फांसी लगा ली थी. हथेली पर सुसाइड नोट मिला था. इसके आधार पर एक दारोगा समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अब परिजनों ने मामले की एसआईटी जांच की मांग की है.

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महिला डॉक्टर ने शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सुसाइड कर लिया था. (File Photo: ITG)
महिला डॉक्टर ने शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सुसाइड कर लिया था. (File Photo: ITG)

महाराष्ट्र के सतारा जिले में सरकारी डॉक्टर की आत्महत्या के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. मृतक महिला डॉक्टर के परिवार ने कहा है कि वह पिछले एक साल से राजनीतिक और पुलिस दबाव में थीं. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के कुछ मेडिकल स्टाफ भी इसमें शामिल थे, जिन्होंने डॉक्टर पर फर्जी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और झूठे फिटनेस सर्टिफिकेट बनाने का दबाव बनाया.

दरअसल, फलटण उपजिला अस्पताल में तैनात महिला डॉक्टर ने होटल में फांसी लगा ली थी. उनकी हथेली पर लिखे नोट में उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस सब-इंसपेक्टर गोपाल बादाने उनसे कई बार रेप किया. वहीं दूसरे आरोपी और सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बंकर ने मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है.

इस मामले में अब परिजनों ने कहा, "पिछले एक साल से उस पर बहुत ज़्यादा पॉलिटिकल और पुलिस प्रेशर था. हॉस्पिटल का मेडिकल स्टाफ भी इसमें शामिल है. सब लोग उस पर गलत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बनाने और फिटनेस सर्टिफिकेट में हेराफेरी करने का दबाव डाल रहे थे. हॉस्पिटल में दूसरे ऑफिसर मौजूद होने के बावजूद उस पर ज्यादा से ज्यादा पोस्टमॉर्टम करने का दबाव डाला जा रहा था."

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मृत डॉक्टर के चचेरे भाई ने रविवार को कहा कि जब उसकी (महिला डॉक्टर) मौत हुई, तो सुबह 6 बजे तक उसका पोस्टमॉर्टम करने वाला कोई नहीं था. वे हमारी गैरमौजूदगी में उसकी डेड बॉडी उसके घर से हॉस्पिटल ले गए. यह सब परिवार वालों के सामने होना चाहिए था. हमें लगता है कि जब उसकी डेड बॉडी हॉस्पिटल ले जाई गई, तो उसने जरूर एक और सुसाइड नोट छोड़ा होगा.

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उन्होंने आगे कहा कि उसने बहुत हिम्मत से लड़ाई लड़ी और 4 पेज का शिकायत पत्र लिखा. वह सिर्फ अपनी हथेली पर एक छोटे से नोट के साथ नहीं मर सकती. हम SIT जांच की मांग करते हैं, जिसमें महाराष्ट्र के बाहर की एक महिला ऑफिसर भी हो क्योंकि राज्य पुलिस ऑफिसर जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं."

राजनीति बर्दाश्त नहीं, न्याय तक चैन नहीं: मुख्यमंत्री फडणवीस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को सतारा में कई विकास कार्यों के उद्घाटन के दौरान कहा, "मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा जब तक इस मामले में न्याय नहीं मिल जाता. लेकिन इस मुद्दे को राजनीति का रंग देने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."

फडणवीस ने कहा कि जिन नेताओं के नाम इस मामले से जोड़े जा रहे हैं, यदि उन्हें जरा भी शक होता तो वे खुद इस कार्यक्रम को रद्द कर देते. उन्होंने कहा कि डॉक्टर को मेरी छोटी बहन मानते हुए न्याय दिलाने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा.

डॉक्टर ने अपनी हथेली पर सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें पुलिस सब-इंस्पेक्टर गोपाल बडाने पर बलात्कार और सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बांकर पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

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यह आत्महत्या नहीं, संस्थागत हत्या है: राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस मामले को “institutionalised murder” बताते हुए कहा कि यह घटना भाजपा सरकार की असंवेदनशील और अमानवीय सोच को उजागर करती है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आत्महत्या नहीं बल्कि सिस्टम की विफलता है.

मंत्री पंकजा मुंडे परिवार से मिलने पहुंचीं

राज्य की मंत्री पंकजा मुंडे और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे रविवार को बीड जिले में डॉक्टर के घर पहुंचे. दोनों ने परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. पंकजा मुंडे ने कहा, "यह बेहद दर्दनाक घटना है. मैं खुद मुख्यमंत्री से मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग करूंगी."

वहीं धनंजय मुंडे ने कहा कि यह पता लगाया जाना जरूरी है कि यह आत्महत्या है या हत्या. उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस से इस मामले पर बात की है और मुंबई में मुलाकात कर महिला अधिकारियों के तहत निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे.

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