महाराष्ट्र (Maharashtra) में दही-हांडी कार्यक्रम (Dahi-handi Programme) बड़े स्तर पर मनाया जाता है. दही-हांडी में शामिल होने वाले गोविंदाओं के कई ग्रुप इसमें शामिल होकर ऊंचाई पर लटकती दही हांडी को फोड़ने के लिए आते हैं. लेकिन कई बार इन कार्यक्रमों में ऊंचाई से गिरने के कारण गोविंदाओं को गंभीर चोट लग जाती है. कई बार उनकी मौत भी हो जाती है. बीते एक महीने में मुंबई के अलग-अलग इलाकोंं में दही-हांडी में घायल हुए तीन गोविंदा की मौत हो गई है. शनिवार यानि आज भी प्रथमेश नाम के युवा की अस्पताल में मौत हो गई. वो बीते डेढ़ महीने से अस्पताल में भर्ती था.
मुंबई के करी रोड इलाके में रहने वाला प्रथमेश सावंत साईं भक्त क्रीड़ा मंडल का सदस्य था. वो दही-हांडी कार्यक्रमों में हिस्सा भी लेता था. जन्माष्टमी के मौके पर ऐसे ही एक कार्यक्रमें प्रथमेश पर सबसे ऊंचे पायदान (स्टेज) पर मौजूद गोविंदा संतुलन बिगड़ने के बाद आ गिरा था.
इस हादसे में प्रथमेश की रीड़ की हड्डी टूट गई थी. उसे इलाज के लिए केईएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डेढ़ महीने से अस्पताल में भर्ती प्रथमेश ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. उसकी मौत के बाद से साईं भक्त क्रीड़ा मंडल में शोक फैला हुआ है.
माता-पिता का हो चुका देहांत
मृतक प्रथमेश सावंत की मौत के बाद शव को रिश्तेदारों को सौंपा गया है. उन्होंने बताया कि प्रथमेश के माता-पिता का पहले ही देहांत हो चुका है.
एक महीने में तीसरी मौत
पिछले एक महीने में दही-हांडी कार्यक्रमों में घायल हुए तीसरे गोविंदा की मौत हुई है. प्रथमेश सावंत से पहले भांडुप में प्रथमेश परबणि की मौत भी हो गई थी. वो दही-हांडी के लिए प्रैक्टिस कर रहा था.
वहीं, विद्याविहार में रहने वाले संदेश दलवी की जान भी दही-हांडी कार्यक्रम के आयोजन में गई थी. छठे पायदान पर मौजूद संदेश बैलेंस बिगड़ने पर नीचे आ गिरा था. हादसे में उसके सिर पर गहरी चोट आई थी. बाद में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था.
इन्हें कहा जाता है गोविंदा
दही-हांडी कार्यक्रमों में जो टोलियां हांडी फोड़ने के लिए आती हैं उसके सदस्यों को गोविंदा कहा जाता है. महाराष्ट्र में दही-हांडी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. जिनमें ऊंची-ऊंची हांडियों को फोड़ने के लिए दूर-दूर से टोलियां आती हैं.