झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करीब 40 घंटे बाद रांची पहुंचे. इस दौरान उनके लापता होने की अफवाहें उड़ीं. सोशल मीडिया पर लापता होने के पोस्टर भी जारी हो गए, जिसमें 11 हजार के इनाम की घोषणा की गई थी. अब इस सबको लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पर पलटवार किया है. इतना ही नहीं, पार्टी की तरफ से बीजेपी नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की भी बात कही है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार शाम को एक प्रेस कांफ्रेंस की. इसमें उन्होंने कहा कि मैंने कल कहा था कि मुख्यमंत्री अपने निजी काम से दिल्ली गए और काम के बाद वो दिल्ली से लौट आए. मुख्यमंत्री केवल एक व्यक्ति नहीं, एक संस्थान हैं. उस संस्थान के बारे में, उस व्यक्ति के बारे में बीजेपी द्वारा जिस प्रकार के वक्तव्य दिए गए, वो पूरी तरह सीआरपीसी की धारा 499 के शर्तों पर लागू होते हैं. इस धारा में मानहानि की बात की गई है. क्या इस राज्य का जो मुख्य विरोधी दल है, उनके अध्यक्ष और उनके सांसद, जिस प्रकार की भाषा बोलते हैं, उन पर बहुत जल्द हम लोग आपराधिक मुकदमा करेंगे. मानहानि का मुकदमा करेंगे. ट्वीट करके वो फोटो छापते हैं, जिस पर 11 हजार रुपये का इनाम लिखा है. ये नीचता की परिकाष्ठा है.
उन्होंने कहा कि मैं अपनी पार्टी की ओर से 11 लाख तक खर्चा करूंगा. जो मनोचिकित्सक बाबूलाल जी की दिमाग की हालत को ठीक कर देगा, पार्टी 11 लाख रुपये उस पर खर्चा करेगी. किसके आदेश पर ईडी समय से पहले मुख्यमंत्री जी के दिल्ली के सरकारी निवास पर पहुंची? ये कहा जाता है कुछ एजेंसियों द्वारा कि 36 लाख रुपये मिले. क्या मेरी गैर उपस्थिति में मेरे घर की तलाशी ली जा सकती है? किसका है वो 36 लाख रुपये. क्या ईडी के द्वारा या बाबूलाल की के द्वारा वो पैसा प्लांट नहीं किया गया? एक क्रिमिनल की तरह आज व्यवहार हो रहा है. खुलेआम गुंडागर्दी हो रही है.
'हेमंत सोरेना अजित पवार और नीतीश कुमार नहीं'
जेएमएम प्रवक्ता ने कहा कि मैं बहुत साफ शब्दों में कह देना चाहता हूं कि हेमंत सोरेन न तो हिमंत बिस्वा सरमा हैं, न अजित पवार हैं और न ही नीतीश कुमार हैं. वो वीर सीबू सोरेन का बेटा हेमंत सोरने हैं. राजभवन जिस प्रकार से बात कर रहा है, कौन सा पैनिक आप उत्पन्न करना चाहते हो. बैठा लीजिए अपने आवास में मुख्य सचिव और डीजीपी को. कोई बोलता है प्रकट हुए. कोई बोलता है लापता हो गए. क्या मुख्यमंत्री को बीजेपी के कार्यालय में जाकर बायोमेट्रिक देना पड़ेगा?
हेमंत सोरेन दिल्ली से कैसे वापस आए? इस सवाल पर स्पष्ट जवाब न देते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता ने कहा कि ये संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि कोई अगर प्लेन से जाता है तो प्लेन से ही वापस आएगा. कोई अगर ट्रेन से जाता है तो ट्रेन से ही वापस आएगा.
निशिकांत दुबे के ट्वीट पर उन्होंने कहा, "उनसे कहिए कि वह जितना चाहें ट्वीट करें, हम 2024 के चुनाव में उन्हें रिट्वीट करेंगे."
दरअसल, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट करते हुए लिखा था, "आज झारखंड के लोगों का मान सम्मान हमारे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने लापता होकर मिट्टी में मिला दिया."
वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने भी ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा, "हेमंत हेमंत सोरेन पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा है कि झारखंड के लोगों से मार्मिक अपील, हमारे राज्य के मुख्यमंत्री केंद्रीय एजेंसियों के डर के मारे पिछले करीब चालीस घंटों से लोकलाज त्याग कर लापता है और चेहरा छुपाकर भागे भागे फिर रहे हैं."