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काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर ने ऑनलाइन आतंकी जाल का भंडाफोड़, दो नाबालिगों को उग्रवाद की राह पर जाने से बचाया

काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने साइबर निगरानी और त्वरित कार्रवाई से एक ऑनलाइन आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया. सोशल मीडिया के जरिए दो नाबालिगों को उग्रवाद की राह पर ले जाने की साजिश रची जा रही थी. दोनों को सुरक्षित बचा लिया गया और उनके परिवारों के साथ परामर्श सत्र आयोजित किए गए ताकि वे भविष्य में ऐसी गतिविधियों से दूर रहें.

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ऑनलाइन आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ (Photo: Representational)
ऑनलाइन आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ (Photo: Representational)

काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने एक बार फिर अपनी पेशेवर दक्षता और साइबर इंटेलिजेंस कौशल का परिचय दिया है. एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चल रहे एक डिजिटल आतंकी नेटवर्क को तोड़ते हुए दो नाबालिग युवाओं को आतंकवाद की राह पर जाने से बचा लिया.

जानकारी के अनुसार, CIK को सोशल मीडिया पर दो अकाउंट्स ‘faithful_warrior57’ और ‘Gurkboru.08’ के बारे में सुराग मिला था, जो आतंकवाद को महिमामंडित करने और चरमपंथी विचार फैलाने में लगे थे. साइबर जांच में पता चला कि इन अकाउंट्स के पीछे 17 वर्षीय हाशिम मशूद लोन और 15 वर्षीय मोहम्मद हाजिक आहंगर थे. दोनों श्रीनगर के निवासी हैं.

दो नाबालिग युवाओं को आतंकवादियों से बचाया

जांच में सामने आया कि हाशिम ‘Gurkboru.08’ अकाउंट चला रहा था और पाकिस्तान में बैठे एक हैंडलर ‘साकिब’ उर्फ अहमद सालार के संपर्क में था. सालार, जो आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़ा बताया गया है, सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को वैचारिक रूप से प्रभावित कर उन्हें आतंक की राह पर लाने की कोशिश कर रहा था.

बच्चों की स्थानीय धार्मिक नेताओं की मदद से काउंसलिंग कराई

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CIK ने दोनों नाबालिगों को ट्रैक कर पूछताछ की और बाद में उनके परिवारों व स्थानीय धार्मिक नेताओं की मदद से काउंसलिंग कराई. एजेंसी का कहना है कि युवाओं को ऐसे ऑनलाइन जाल से बचाने के लिए समाज, परिवार और शिक्षकों को सतर्क रहना होगा. काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि युवाओं को भटकने से बचाया जा सके.

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