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फरीदाबाद में चमत्कारी सर्जरी, 13 साल की बच्ची का सफल स्कैल्प ट्रांसप्लांट

फरीदाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने 13 वर्षीय बच्ची पर आठ घंटे की जटिल सर्जरी कर स्कैल्प प्रत्यारोपण में सफलता हासिल की. बच्ची का स्कैल्प जेनरेटर के पंखे में फंसने से उखड़ गया था. इस सर्जरी ने बच्ची को नया जीवन और आत्मविश्वास दिया. लड़की को चोट लगने के लगभग 10 घंटे बाद अस्पताल लाया गया था.

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डॉक्टरों ने उखड़े हुए स्कैल्प को जोड़ा
डॉक्टरों ने उखड़े हुए स्कैल्प को जोड़ा

फरीदाबाद के प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए 13 वर्षीय बच्ची पर सफल स्कैल्प प्रत्यारोपण सर्जरी की. यह सर्जरी आठ घंटे तक चली और बच्ची के उखड़े हुए स्कैल्प को फिर से जोड़ने में डॉक्टरों ने सफलता हासिल की. 

बच्ची का स्कैल्प उस समय उखड़ गया जब उसके बाल जेनरेटर के पंखे में फंस गए थे. इस हादसे के बाद बच्ची को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था. चोट लगने के लगभग 10 घंटे बाद अस्पताल पहुंचने के बावजूद डॉक्टरों ने इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.

डॉक्टरों ने उखड़े हुए स्कैल्प को फिर से जोड़ा 

अस्पताल के प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. मोहित शर्मा ने कहा कि स्कैल्प अवल्शन एक गंभीर चोट है और इसके सफल प्रत्यारोपण के लिए समय पर हस्तक्षेप और माइक्रोवस्कुलर सर्जरी में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है. इस सर्जरी में रक्त वाहिकाओं, नसों और ऊतकों को सावधानीपूर्वक जोड़ा गया. बच्ची की रिकवरी अब तक शानदार रही है.

इसके अलावा डॉक्टर वसुंधरा जैन ने बताया कि यदि स्कैल्प प्रत्यारोपण संभव नहीं हो पाता, तो बच्ची को खोपड़ी की हड्डियों को ढकने के लिए स्किन ग्राफ्टिंग की आवश्यकता होती, जिससे वह जीवनभर विकृत रहती.

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सर्जरी अत्याधुनिक चिकित्सा का प्रमाण

अमृता अस्पताल के चिकित्सा निदेशक, डॉ. संजीव सिंह ने कहा कि यह सर्जरी अस्पताल की अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं और विशेषज्ञता का प्रमाण है. वहीं बच्ची के पिता का कहना है कि यह हादसा हमारे लिए बहुत डरावना था, लेकिन अमृता अस्पताल ने ना केवल हमारी बेटी की जान बचाई, बल्कि उसे एक सामान्य जीवन जीने का मौका भी दिया.

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