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पहले अमन, अब हार्दिक... तीन दिन में दो बास्केटबॉल प्लेयर्स की मौत, कैसे गिरा 750KG वजनी पोल?

रोहतक और बहादुरगढ़ में बास्केटबॉल पोल गिरने से दो नेशनल लेवल खिलाड़ियों की मौत से खेल विभाग की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठे हैं. रोहतक में 16 वर्षीय हार्दिक की कोर्ट में प्रैक्टिस करते समय मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बहादुरगढ़ में 15 वर्षीय अमन की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई. दोनों घटनाएं सीसीटीवी में कैद हुईं.

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बॉस्केटबॉल खेलने के दौरान दो खिलाड़ियों की मौत (Photo: ITG)
बॉस्केटबॉल खेलने के दौरान दो खिलाड़ियों की मौत (Photo: ITG)

हरियाणा में खेलों को बढ़ावा देने की बात हमेशा की जाती है, लेकिन हाल के दिनों में सामने आई दो दर्दनाक घटनाओं ने सिस्टम की लापरवाही और जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. रोहतक और बहादुरगढ़ में बास्केटबॉल पोल गिरने से दो होनहार नेशनल खिलाड़ी अपनी जान गंवा बैठे. इन दोनों हादसों ने यह साफ कर दिया है कि खेल सुविधाओं की देखरेख और मेंटीनेंस में भारी चूक हो रही है.

रोहतक में 16 वर्षीय हार्दिक की दर्दनाक मौत

रोहतक के लाखन माजरा गांव में गुरुवार सुबह लगभग दस बजे खेल ग्राउंड में बड़ा हादसा हो गया. यहां 16 वर्षीय हार्दिक बास्केटबॉल कोर्ट में अकेले प्रैक्टिस कर रहा था. वह एक उभरता हुआ खिलाड़ी था और कई नेशनल प्रतियोगिताओं में मेडल जीत चुका था. सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि जब हार्दिक दौड़कर पोल पर लटका तो लोहे का भारी पोल अचानक टूटकर सीधे उसकी छाती पर गिर गया.

बताया जा रहा है कि इस पोल का वजन करीब 750 किलोग्राम था. पहले प्रयास में पोल नहीं टूटा था, लेकिन दूसरी बार लटकते ही पूरा ढांचा गिर गया. पास में मौजूद खिलाड़ियों ने उसे तुरंत बाहर निकाला और पीजीआईएमएस रोहतक ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. हार्दिक दसवीं का छात्र था और उसका सपना था कि वह राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का नाम रोशन करे. लेकिन खराब मेंटीनेंस और कमजोर संरचना ने उसकी जान ले ली.

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हार्दिक की उपलब्धियां

हार्दिक ने कम उम्र में कई उपलब्धियां हासिल की थीं.

कांगड़ा में 47वीं सब जूनियर नेशनल बास्केटबॉल प्रतियोगिता में सिल्वर

हैदराबाद में 49वीं सब जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज

पुडुचेरी में 39वीं यूथ नेशनल प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज

उसकी अचानक मौत से परिवार और गांव में गहरा शोक है. सभी का यही कहना है कि यह हादसा नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के प्रति लापरवाही का नतीजा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि लापरवाही और करप्शन की वजह से हुई मौत है. जानकारी के अनुसार जिस बास्केटबॉल कोर्ट पर हादसा हुआ, वह पंचायत की जमीन पर बना था. इसी पंचायत के लिए तत्कालीन सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सांसद निधि से 11 लाख रुपये मंजूर किए थे.

दावा है कि खेल विभाग के अधिकारियों ने मेंटीनेंस का काम टेंडर प्रक्रिया में उलझा कर रखा. समय पर मरम्मत नहीं की गई. पोल की स्थिति खराब होने के बावजूद उसे ठीक नहीं कराया गया. लोगों का कहना है कि यदि मेंटीनेंस समय पर हो जाती तो आज हार्दिक जिंदा होता.

खेल राज्य मंत्री ने कार्रवाई की

मामला गंभीर होने के बाद हरियाणा के खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने जिले के खेल अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही पंचायत की जमीन पर चल रही बास्केटबॉल नर्सरी को भी निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा सभी 22 जिलों के स्पोर्ट्स ऑफिसर को जिले में खेल संबंधी पूरी जानकारी तलब करने के आदेश भी दिया है. 

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बहादुरगढ़ में भी हुई ऐसी ही घटना

रोहतक में हादसा होने के कुछ ही दिनों पहले बहादुरगढ़ के होशियार सिंह खेल स्टेडियम में भी ऐसा ही हादसा हुआ था. यहां 15 वर्षीय अमन प्रैक्टिस करने गया था. शाम करीब साढ़े तीन बजे जब वह बास्केटबॉल पोल के पास ट्रेनिंग कर रहा था, तभी अचानक पोल गिर गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे भी रोहतक PGI में भर्ती कराया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

दोनों घटनाएं लगभग एक जैसी हैं और यह दर्शाती हैं कि खेल ग्राउंड में लगे पोल बेहद खराब हालत में थे और उनकी नियमित जांच नहीं होती थी. दो-दो युवा खिलाड़ियों की मौत ने खेल विभाग की जिम्मेदारी पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है. इन घटनाओं का सीधा संबंध मेंटीनेंस और निगरानी की कमी से जुड़ा है.

आखिर क्यों पोल को समय पर नहीं बदला गया
क्यों मजबूत संरचना का ध्यान नहीं रखा गया
क्यों पंचायत और विभागीय स्तर पर निरीक्षण नहीं हुआ
क्या खिलाड़ियों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं

यही वजह है कि लोग इसे सिर्फ हादसा नहीं बल्कि अपराध मान रहे हैं. कई खिलाड़ियों और परिजनों का कहना है कि यह जानबूझकर की गई लापरवाही है. यदि किसी संरचना को खराब जानते हुए भी उसे ठीक नहीं किया जाता और उससे किसी की मौत हो जाती है तो इसे महज हादसा नहीं कहा जा सकता.

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इसलिए स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए ताकि भविष्य में किसी परिवार को ऐसी पीड़ा न झेलनी पड़े.  हरियाणा खेलों का मजबूत राज्य है और यहां से कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकले हैं. यदि खेल सुविधाओं की स्थिति ऐसी ही रही तो ऐसे हादसे खेलों में रुचि रखने वाले बच्चों और उनके परिवारों के लिए भय का कारण बन जाएंगे.


 

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