हरियाणा के गुरुग्राम में अवैध रूप से लोगों के मनोरंजन के लिए वोटिंग कराने का मामला सामने आया है. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. आरोप है कि वन विभाग की टीम कार्रवाई कर रही थी, तो गांव सकतपुर के सरपंच अपनी गाड़ी लेकर मौके पर पहुंच गए और करीब एक घंटे तक विभाग की टीम को कार्रवाई करने से रोककर रखा.
दरअसल, साइबर सिटी के सकतपुर गांव में रिजर्व फॉरेस्ट लैंड है. इस पर किसी भी प्रकार की कमर्शियल गतिविधि नहीं की जा सकती है. वन विभाग ने यहां वन्य जीवों के लिए वाटर पॉन्ड बनाए हुए हैं. इससे न केवल जंगली जीव अपनी प्यास बुझाते हैं, बल्कि भूजल ठीक करने में भी यह वाटर पॉन्ड अपनी अहम भूमिका निभाते हैं. वन विभाग का कहना है कि उन्हें कुछ महीनों पहले सूचना मिली थी कि सकतपुर गांव में सरपंच द्वारा वाटर पॉन्ड में अवैध रूप से वोटिंग कराई जा रही है.
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तालाब में अवैध मछली पालन और वोटिंग
इस पर टीम ने उन्हें चेतावनी देकर वोटिंग को तुरंत बंद करा दिया था. कुछ समय तक तो वोटिंग बंद कर दी गई, लेकिन एक बार फिर यहां वोटिंग शुरू कर दी गई. मगर, गुरुवार को दोबारा सूचना मिली कि फिर से वोटिंग कराई जा रही है. इसके अलावा वहां तालाब में मछली पालन भी किया जा रहा है. इतना ही नहीं यहां वीडियो शूटिंग भी कराई जा रही है.
कार्रवाई कर लौट रहे टीम को सरपंच ने रोका
सूचना पर टीम मौके पर पहुंची, तो एक बोट के जरिए वोटिंग कराई जा रही थी, जिस पर टीम ने बोट को कब्जे में लिया. इसके बाद वन विभाग की टीम बादशाहपुर थाने जा रही थी, तो सकतपुर गांव का सरपंच वहां आ गया. जिन्होंने अपनी गाड़ी से वन विभाग की गाड़ी को रोक लिया और उन्हें बोट वापस करने के लिए कहा. नहीं देने पर उन्होंने एक घंटे तक टीम का रास्ता रोके रखा.
मामले में वन राजिक अधिकारी ने कही ये बात
वन राजिक अधिकारी कर्मवीर मलिक ने बताया कि रिजर्व फॉरेस्ट लैंड में जान जोखिम में डालकर लोगों को वोटिंग कराई जा रही थी. सरपंच से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने यह कहकर मामले को टालने का प्रयास किया कि यह जमीन पंचायत की है और इसके लिए उन्होंने ठेका दिया है. जबकि, रिजर्व फॉरेस्ट में वन विभाग की अनुमति के बिना कोई कमर्शियल गतिविधि नहीं की जा सकती. ऐसे में बादशाहपुर थाना पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. मामले में बादशाहपुर थाना पुलिस जांच कर रही है.