कांग्रेस देशभर में संगठन को मजबूत करने की जुगत में लगी है और इसकी शुरुआत गुजरात से की गई है. मंगलवार को कांग्रेसी सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 41 राष्ट्रीय पर्यवेक्षक और 183 प्रदेश पर्यवेक्षकों के साथ एक अहम बैठक की, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर उनके सवालों के जवाब भी दिए. बताया जा रहा है कि राहुल ने 45 दिनों में गुजरात 41 जिला अध्यक्षों की चयन प्रक्रिया को पूरा करने का टास्क दिया है.
सूत्रों ने बताया राहुल गांधी ने मंगलवार को जिला अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया पर बात करते हुए कहा कि एक राष्ट्रीय पर्यवेक्षक और 4 प्रादेशिक पर्यवेक्षक मिलकर अपने जिले में 3 से 5 दिन का प्रवास करें, जिसमें वह कार्यकर्ता और नेताओं से मिलकर जिले से जिला अध्यक्ष के लिए कम-से-कम पांच योग्य उम्मीदवारों नाम प्रदेश प्रभारी को देंगे. इसके बाद इन उम्मीदवारों राष्ट्रीय स्तर पर इंटरव्यू और रिव्यू होगा. और इसके बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी.
'पर्यवेक्षक जल्द पूरा करें अपना-अपना दौरा'
राहुल गांधी ने पर्यवेक्षकों जिला अध्यक्ष का चयन करने के लिए सख्त हिदायत करते हुए कहा, 'जिला अध्यक्ष के लिए चुन गया उम्मीदवार का परिवार कांग्रेसी हो और वह खुद कम से कम 5 साल से पार्टी में सक्रिय हो. 23 अप्रैल से 8 मई तक सभी पर्यवेक्षकों को अपना दौरा पूरा करना होगा. उन्होंने पर्यवेक्षकों को सभी स्थानीय नेताओं से मिलकर काम करने की बात कही है.'
राहुल गांधी ने पर्यवेक्षकों की बैठक में कहा कि हम गुजरात से इसलिए शुरुआत कर रहे हैं, क्योंकि अंग्रेजों के सामने लड़ने वाले कांग्रेस के दो बड़े नेता गुजरात के ही थे. हम गुजरात से शुरुआत करके इसे पूरे देश में लागू करेंगे. आप सिर्फ योग्य उम्मीदवार ढूंढ कर लाए और ऐसे नाम ढूंढे, जिनको प्रदेश या दूसरी किसी जिम्मेदारी भी दी जा सके.
'काम ना करने वालों की नहीं मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी'
इसके बाद राहुल गांधी ने गुजरात कांग्रेस की कोर कमेटी के साथ बैठक की, जिसमें सभी नेताओं को पुरानी बातें भूलकर एक साथ काम करने को कहा. साथ ही सभी को अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा, अगर वह उसे पूरा नहीं कर पाए तो फिर पार्टी भी उनके बारे में विचार करेगी. मान सभी का रखा जाएगा, पर जो काम नहीं करेगा उसे कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिलेगी.