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देवी मां को पहनाया गया 300 करोड़ का नवलखा हार, कभी राजघराने ने किया था बहुराची मंदिर में भेंट

गुजरात के महेसाणा जिले स्थित बहुचराजी मंदिर में दशहरे के पावन अवसर पर मां को वडोदरा राजघराने द्वारा भेंट किया गया नवलखा हार पहनाया गया. इस हार की कीमत आज 300 करोड़ से अधिक आंकी जाती है. साल में केवल दो बार, दशहरे और नए साल पर ही मां को यह हार पहनाया जाता है.

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बहुचराजी मंदिर में दशहरे पर मां को चढ़ा करोड़ों का हार  (Photo: Manish Mistri/ITG)
बहुचराजी मंदिर में दशहरे पर मां को चढ़ा करोड़ों का हार (Photo: Manish Mistri/ITG)

गुजरात के सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ बहुचराजी मंदिर में दशहरे के पावन अवसर पर  एक अनोखी परंपरा निभाई गई. वडोदरा के राजघराने द्वारा भेंट किया गया नवलखा हार देवी मां को पहनाया गया. इस हार की अनुमानित कीमत 300 करोड़ रुपये से अधिक है और इसे साल में केवल दो बार ही बाहर निकाला जाता है. दशहरे और नए साल के दिन यह हार मां के श्रृंगार की शोभा बढ़ाता है.

हर साल की तरह इस बार भी हार पहनाने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देवी मां की भव्य पालकी यात्रा निकाली गई. यह यात्रा मुख्य मंदिर से शमी वृक्ष तक पहुंची, जहां मां को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. भक्तों के लिए यह क्षण बेहद खास और यादगार रहा.

देवी मां को पहनाया गया करोड़ों का हार 

इतिहास पर नजर डालें तो इस नवलखा हार की परंपरा करीब तीन सौ साल पुरानी है. वडोदरा के राजवी मानाजीराव गायकवाड़ ने 1783 में इस मंदिर का निर्माण कराया था. मानाजीराव गायकवाड़ को कुष्ठ रोग से मुक्ति मिलने के बाद उन्होंने यह अनमोल हार मां को भेंट किया. उस समय इसकी कीमत नौ लाख रुपये थी, इसलिए इसे नवलखा हार कहा गया.

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देवी मां की पालकी यात्रा निकाली

हरे, नीले और सफेद नीलम से जड़ा यह हार पहली नजर में भले ही साधारण लगे, लेकिन पास से देखने पर यह अद्भुत दिखाई देता है. प्रत्येक नीलम का मूल्य करोड़ों में आंका गया है. सुरक्षा कारणों से इसे पूरे साल सुरक्षित रखा जाता है और विशेष पर्वों पर ही बाहर निकाला जाता है. मां बहुचर के इस धाम की महिमा और आस्था का प्रतीक यह नवलखा हार आज भी लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है.

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(रिपोर्ट- मनीष मिस्त्री)

 

 

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