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'मैं भी तेरी सेवा करने आ रही हूं...,' बीमारी से जवान पोते की मौत हुई तो सदमे में आईं दादी ने त्यागी देह

गुजरात के नवसारी में जवान पोते की मौत की खबर सुनकर बुजुर्ग दादी सदमे में आ गईं और कुछ ही देर में उन्होंने भी प्राण त्याग दिए. परिवार में एक साथ पोते और दादी की मौत से कासुंदरा परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. आसपास के लोग ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं.

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नवसारी में पोते की मौत के बाद दादी का भी निधन हो गया.
नवसारी में पोते की मौत के बाद दादी का भी निधन हो गया.

गुजरात के नवसारी में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां जवान पोते की मौत की खबर सुनते ही बुजुर्ग दादी गहरे सदमे में आ गईं और कुछ ही देर में उनकी भी मौत हो गई. दादी के आखिरी शब्दों को यादकर हर कोई भावुक हो रहा है. परिजन का कहना है कि दादी ने जब पोते के मरने की खबर सुनी तो वो रोने लगीं और बोलीं- 'मैं तेरी सेवा करने के लिए पास आ रही हूं.' उसके बाद उन्होंने आंखें बंद कर लीं.

मामला नवसारी जिले का है. यहां विजलपोर पालिका में कॉरपोरेटर और पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष अश्विन कसुंदरा लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 5 फरवरी की शाम अश्विन की मौत हो गई. मोरबी में दादी लक्ष्मीबेन अपने गांव में रहती थीं. पोते की मौत की खबर दादी लक्ष्मीबेन को मिली तो वो सदमे में आ गईं. 

'पोते के अंतिम संस्कार के बाद दादी को दी थी जानकारी'

दादी ने कहा , बेटा मैं तेरी सेवा करने आ रही हूं और वहीं पर उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिये. परिजन बताते हैं कि दादी लक्ष्मीबेन बुजुर्ग थीं. अश्विन कासुंदरा की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया, उसके बाद दादी को भी पोते के निधन के बारे में जानकारी दी गई.

navsari

'परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़'

जब दादी को पता चला तो वो रोने लगीं और गहरे सदमे में आ गईं. कुछ ही देर में दादी लक्ष्मीबेन की भी मौत हो गई. स्थानीय लोग बताते हैं कि कसुदरा परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. पहले जवान लड़के की बीमारी से जान गई. कुछ ही देर में दादी ने भी देह त्याग दी.

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'पोते के बाद दादी का अंतिम संस्कार'

परिजन बताते हैं कि पोते अश्विन कसुंद्रा का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया था. अब मंगलवार को दादी लक्ष्मीबेन का अंतिम संस्कार होगा. आसपास के लोग परिवार को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं.

स्थानीय लोग कहते हैं कि अश्विन कासुंदरा कॉर्पोरेटर के तौर पर काम करते हुए शहर में सभी लोगों के पसंदीदा नेता थे. वे परिवार में भी सबसे प्यारे बेटे थे. दादी लक्ष्मीबेन अपने पोते अश्विन की बीमारी के कारण बहुत दुखी रहती थीं और उनको चिंता भी बहुत थी. नवसारी में अश्विन की अंतिम यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी शामिल हुए. अश्विन कासुंदरा गौ भक्त थे, इसलिए उनकी अंतिम यात्रा गौशाला होकर निकाली गई.

(रिपोर्ट- रोनक जानी)

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