अहमदाबाद में आयोजित विशेष कार्यक्रम में गुजरात के उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी ने 195 लोगों को CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के तहत भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे. इनमें 122 प्रमाणपत्र कार्यक्रम स्थल पर दिए गए, जबकि 73 लोग पहले से कलेक्टर ऑफिस में नागरिकता के लिए पंजीकृत थे. कार्यक्रम में राज्य की शहरी विकास राज्यमंत्री दर्शनाबेन वाघेला भी मौजूद रहीं.
हर्ष संघवी ने सभी नए नागरिकों का स्वागत करते हुए कहा- 'मुस्कुराइए! क्योंकि अब आप सब भारत के नागरिक हैं.' उन्होंने कहा कि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में नागरिकता प्रमाणपत्र देने का दृश्य शायद ही किसी राज्य में देखने को मिलता है.
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शरणार्थियों की दशकों पुरानी समस्या का समाधान
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में कई समुदाय और जातियां अल्पसंख्यक हैं, जिनकी दशकों से स्थिति बेहद कठिन रही है. उनकी सुरक्षा और जीवन दोनों खतरे में रहे. ऐसे लोगों ने भारत में शरण लेकर नया जीवन शुरू करने की कोशिश की.
हर्ष संघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नागरिकता नियमों में बदलाव कर यह सुनिश्चित किया गया कि पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को उनकी पहचान और अधिकारों के साथ नागरिकता मिले. CAA ने इन परिवारों को सम्मान के साथ भारत में रहने का रास्ता दिया है. नागरिकता मिलने के बाद अब वे शिक्षा, पासपोर्ट, सरकारी सुविधाओं और अन्य सेवाओं का आसानी से लाभ उठा सकेंगे.
नागरिकता पाने वालों ने साझा की अपनी भावनाएं
कार्यक्रम में नागरिकता पाने वाले लोगों ने भी अपने अनुभव साझा किए. डॉक्टर महेशकुमार पुरोहित, जो 1956 में पाकिस्तान से भारत आए थे. उन्होंने कहा कि भारतीय पासपोर्ट न मिलने के कारण वे अपनी विदेश में रहने वाली बेटी से नहीं मिल पा रहे थे. उन्होंने कहा, आज का दिन मेरे जीवन का सबसे अहम दिन है. CAA आने के बाद अप्रैल 2025 में नागरिकता मिली और इसके बाद पासपोर्ट बना. तभी जाकर बेटी से मिल सका.
इसी तरह इंजीनियर पूजा अभिमन्यु ने कहा, भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र सिर्फ एक कागज नहीं, बल्कि हमारा जीवन है. हम पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के आभारी हैं.
नागरिकता के साथ नई उम्मीदें
पूरे कार्यक्रम में लोगों के चेहरों पर खुशी और राहत साफ दिखी. लंबे समय से पहचान, सुरक्षा और अवसरों की कमी झेल रहे इन परिवारों के लिए CAA के तहत मिली नागरिकता एक नया अध्याय लेकर आई है. सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी और पात्र सभी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता सुनिश्चित की जाएगी.