हाल ही में उजागर हुए 'व्हाइट कोट टेरर नेक्सस' ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है. रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल डी.सी. कटोच (सेवानिवृत्त) ने हाल ही में गिरफ्तार हुए डॉक्टरों और पेशेवरों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारियां देशभर में फैले एक बड़े 'व्हाइट कोट टेरर नेक्सस' से जुड़ी हैं जो जम्मू-कश्मीर से कहीं आगे तक फैला हुआ है.
मेजर जनरल कटोच के अनुसार ये साजिश एक रेजीम चेंज ऑपरेशन (सरकार को अस्थिर करने की साजिश) जैसी लगती है जिसका समय बहुत सोच-समझकर चुना गया था. ये समय दिसंबर से जनवरी के बीच चुना गया था जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले थे. उन्होंने बताया कि 26 जनवरी तक कई धमाकों की योजना बनाई गई थी. यह कोई एकल आतंकी घटना नहीं थी, बल्कि एक समन्वित और भू-राजनीतिक मकसद से जुड़ी साजिश थी.
जैश की थी साजिश!
रक्षा विशेषज्ञ ने खुलासा किया कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) इस साजिश के पीछे मुख्य संगठन था और इसके सीधे तार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम की पहचान साफ तौर पर जैश की लगती है. कश्मीर में लगाए गए प्रचार पोस्टरों से लेकर विस्फोटकों की खरीद तक सब कुछ पाकिस्तान की सेना और सरकार से जुड़ता है.
उन्होंने आगे बताया कि ये समूह कई सालों से भारत में स्लीपर सेल के रूप में मौजूद थे, जिन्हें धीरे-धीरे स्थानीय स्तर पर कट्टर बनाया गया और फिर विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. कटोच ने कहा कि ये भारत की सबसे सफल काउंटर-इंटेलिजेंस (गुप्तचर) कार्रवाई में से एक थी. आतंकियों की योजना बहुत बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की थी लेकिन हमारे खुफिया तंत्र ने समय रहते उसे नाकाम कर दिया.
बदला लेना था मकसद
मेजर जनरल कटोच के मुताबिक इस साजिश का मुख्य मकसद ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदला लेना था जिसमें भारत ने आतंक नेटवर्क को भारी नुकसान पहुंचाया था. उन्होंने कहा कि वे अपनी हार का बदला लेना चाहते थे. साथ ही पाकिस्तान के अमेरिका के साथ बढ़ते संबंधों ने भी उन्हें ऐसा कदम उठाने का हौसला दिया होगा. उन्होंने इस साजिश को युद्ध जैसी कार्रवाई बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. कटोच ने कहा कि भारत अपनी प्रतिक्रिया समय, पैमाने और तरीके से खुद तय करेगा. ऑपरेशन सिंदूर जारी रहेगा.