पाकिस्तान के पेशावर में दो सिखों की हत्या के मामले में भारत की ओर से कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है. इस संबंध में मीडिया के सवालों पर भारत सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि हमने पेशावर में अज्ञात हथियारबंद लोगों द्वारा दो सिख व्यापारियों की नृशंस हत्या की रिपोर्ट देखी है. दुख की बात है कि यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय सिखों पर हमले होते रहे हैं.
सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस चौंकाने वाली घटना पर भारतीय समाज और सिख समुदाय के विभिन्न वर्गों ने गंभीर चिंता व्यक्त की है. हमने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को लगातार निशाना बनाए जाने पर पाकिस्तान सरकार के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है. हम संबंधित अधिकारियों से मामले की ईमानदारी से जांच करने और इस निंदनीय घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान सरकार अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए अपने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा, सुरक्षा और भलाई का ख्याल रखेगी. बता दें कि रविवार को पेशावर में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर दो सिखों की हत्या कर दी.
मृत सिखों की पहचान रंजीत सिंह (42) और कुलजीत सिंह (38) के रूप में हुई है. ये दोनों सरबंद इलाके के बट्टा ताल चौक पर मसाला बेचते थे. बताया जा रहा है कि ये सुबह दुकान पर पहुंचे थे, इसी दौरान दो हमलावर मोटरसाइकिल पर आए और उन पर गोलियां चला दीं. उधर, वारदात की जानकारी के बाद पाकिस्तानी पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल में जुट गई. फिलहाल, ये पता नहीं चल पाया है कि वारदात को क्यों अंजाम दिया गया है.
पीएम शहबाज और मुख्यमंत्री ने की कड़ी निंदा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने घटना की निंदा की. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि तथ्यों का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. हत्यारों को गिरफ्तार किया जाएगा और कड़ी सजा दी जाएगी. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. वहीं, खैर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने हमले की कड़ी निंदा की है और पुलिस को दोषियों की गिरफ्तारी के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है. उन्होंने घटना को सौहार्द बिगाड़ने की साजिश करार देते हुए कहा कि मृतकों के परिवारों को न्याय दिलाया जाएगा.
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट की ओर से आयोजित वार्षिक सुरक्षा आकलन रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में पिछले साल चरमपंथ की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में पाया गया कि 2020 की तुलना में 2021 में 57 फीसदी अधिक चरमपंथी घटनाएं हुईं.
भगवंत मान ने विदेश मंत्री जयशंकर से की अपील
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी घटना की निंदा की है और विदेश मंत्री एस जयशंकर से पाकिस्तान से बात करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि मैं पेशावर पाकिस्तान में दो सिख युवकों की भीषण हत्या की कड़ी निंदा करता हूं. मैं हमारे विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर से भी अनुरोध करता हूं कि वे पाकिस्तान से बात करें और पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों की चिंता और सुरक्षा सुनिश्चित करें.
वहीं, भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में सिखों की एक और हत्या. पेशावर में दो दुकानदारों रंजीत सिंह और सालजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई, यह अत्यंत निंदनीय है. मैंने हमेशा कहा है कि पाकिस्तान की सरकार सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना केवल बातें करती हैं. पीएमओ से अनुरोध है कि वे मामले को गंभीरता से लें.
पेशावर में लगातार सिखों पर हो रहे हैं हमले
पिछले साल सितंबर में एक सिख हकीम (यूनानी चिकित्सक) की पेशावर में उसके क्लिनिक के अंदर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं, 2018 में सिख समुदाय के एक प्रमुख सदस्य चरणजीत सिंह की पेशावर में अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी. 2020 में न्यूज चैनल के एंकर रविंदर सिंह की हत्या कर दी गई थी.
2016 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेशनल असेंबली के सदस्य सोरेन सिंह की भी पेशावर में हत्या कर दी गई थी. 2017 की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़े धार्मिक अल्पसंख्यक हैं.
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