राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बड़ी खेल परियोजना की योजना बनाई जा रही है. खेल मंत्रालय के टॉप सूत्रों के मुताबिक, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़कर उसकी जगह पर एक नई 'स्पोर्ट्स सिटी' बनाई जाएगी. यह प्रोजेक्ट 102 एकड़ के बड़े इलाके में फैली होगी.
इस नई स्पोर्ट्स सिटी के निर्माण के लिए कतर और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में उपयोग किए जाने वाले आधुनिक खेल मॉडल का आकलन किया जा रहा है. इस परियोजना का मकसद दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एक अत्याधुनिक खेल बुनियादी ढांचा तैयार करना है.
सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा वक्त में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम जिस जमीन पर बना है, उसे पूरी तरह से विकसित किया जाएगा. नई स्पोर्ट्स सिटी 102 एकड़ में फैली होगी, जो इसे देश की प्रमुख खेल सुविधाओं में से एक बनाएगी. इस प्रोजेक्ट का मकसद खेलों के लिए समर्पित एक एकीकृत और आधुनिक केंद्र स्थापित करना है.

अंतरराष्ट्रीय मॉडल पर बनेगी स्पोर्ट्स सिटी
नई स्पोर्ट्स सिटी को विश्वस्तरीय बनाने के लिए, खेल मंत्रालय की टीमें कतर और ऑस्ट्रेलिया में मौजूद सफल स्पोर्ट्स मॉडल का गहन अध्ययन कर रही हैं. इन अंतर्राष्ट्रीय मॉडल से सीख लेकर डिजाइन और सुविधाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा.

एशियन गेम्स के लिए बना था स्टेडियम
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को 1982 के एशियन गेम्स के लिए बनाया गया था और बाद में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए रेनोवेट किया गया था. यह लंबे वक्त से भारत के सबसे मशहूर मल्टी-स्पोर्ट्स वेन्यू में से एक रहा है. करीब 60 हजार लोगों की कैपेसिटी वाले इस स्टेडियम में बड़े एथलेटिक्स इवेंट, फुटबॉल मैच, बड़े कॉन्सर्ट और राष्ट्रीय समारोह, जिनमें स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम भी शामिल हैं, आयोजित किए गए हैं. यह स्टेडियम ऐतिहासिक रूप से राष्ट्रीय एथलेटिक्स टीम का होम वेन्यू रहा है और चार दशकों से भी ज़्यादा समय से भारत के खेल इतिहास में एक अहम जगह रखता है.
इसी साल की शुरुआत में नई दिल्ली के JLN स्टेडियम में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप हुई थी. इस इवेंट के लिए एक मोंडो ट्रैक बिछाया गया था, जिसकी लागत करीब 30 करोड़ रुपये थी.