आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने 2020 में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के दफ्तर में हुई तोड़फोड़ की घटना में दिल्ली पुलिस की जांच पर कोर्ट की निगरानी की मांग वाली याचिका वापस ले ली है. दिल्ली की राउज ऐवन्यू कोर्ट ने यह मामला याचिका वापसी के बाद निपटा दिया.
राघव चड्ढा के वकील ने कोर्ट को बताया कि याचिका का उद्देश्य अब पूरा हो चुका है और आगे इस पर सुनवाई की आवश्यकता नहीं है. वकील के अनुसार, उनकी याचिका दायर करने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की, जिस पर अदालत ने 29 अप्रैल 2025 को संज्ञान भी ले लिया है.
दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 188 (सरकारी आदेश की अवहेलना), 269 (महामारी के दौरान लापरवाही से बीमारी फैलाने का खतरा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार के साथ दंगा), 149 (गैरकानूनी जमावड़ा), 427 (संपत्ति को नुकसान), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला), सार्वजनिक संपत्ति नुकसान रोकथाम अधिनियम (PDPP Act) की धारा 3 और महामारी अधिनियम की धारा 3 के तहत आरोप तय किए हैं.
राघव चड्ढा ने अपनी शिकायत में तत्कालीन दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, योगेंद्र चंदोलिया, विकास तंवर समेत अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ आरोप लगाए थे कि उन्होंने DJB कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़ की और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई.
गौरतलब है कि इस मामले में एक आरोपी योगेंद्र चंदोलिया अब सांसद बन चुके हैं, जिसके चलते यह मामला तीस हजारी कोर्ट से स्थानांतरित कर राउज ऐवन्यू कोर्ट भेजा गया था. अब, चूंकि पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है और अदालत ने संज्ञान भी ले लिया है, इसलिए राघव चड्ढा ने अपनी याचिका वापस लेकर इसे निपटा दिया.