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मौत का खौफ, नारायणपुर में 7 महिला समेत 16 माओवादियों का आत्मसमर्पण, 48 लाख का इनाम था घोषित

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में माड़ डिवीजन और उत्तर ब्यूरो से जुड़े 16 माओवादी कैडरों ने आत्मसमर्पण किया. इन पर कुल ₹48 लाख का इनाम घोषित था. पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन ने बताया कि यह बस्तर में नक्सल उन्मूलन अभियान की बड़ी सफलता है. आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी अब सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मुख्यधारा में लौटेंगे.

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16 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया (Photo: Jitendra/ITG)
16 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया (Photo: Jitendra/ITG)

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है. मंगलवार को माड़ डिवीजन, उत्तर ब्यूरो और कुतुल एरिया से जुड़े कुल 16 सक्रिय माओवादी कैडरों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आत्मसमर्पण किया. इन सभी पर कुल ₹48 लाख का इनाम घोषित था.

आत्मसमर्पण करने वालों में कई बड़े माओवादी नेता शामिल हैं. इनमें पोदिया मरकाम उर्फ रतन, कमांडो नंबर 1 प्लाटून के डिप्टी कमांडर पर ₹8 लाख का इनाम था. इसी तरह मनोज दुग्गा, सुमित्रा कुर्साम, वनीला फरसा और श्री गावडे पर भी ₹8-8 लाख का इनाम घोषित था. बाकी कैडरों पर ₹5 लाख से ₹1 लाख तक का इनाम था.

16 सक्रिय माओवादी कैडरों आत्मसमर्पण

नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन ने बताया कि सुरक्षा बलों के लगातार दबाव, विकास कार्यों और पुनर्वास योजनाओं के चलते माओवादी अब हिंसा से दूर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह आत्मसमर्पण बस्तर में शांति स्थापना की दिशा में अहम कदम है.

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पट्टलिंगम ने कहा कि यह बदलाव इस बात का प्रतीक है कि अब बस्तर के अंदर भी शांति और विकास की सोच मजबूत हो रही है. उन्होंने कहा कि ‘पूना मारगेम’ अभियान केवल पुनर्वास नहीं, बल्कि नई जिंदगी की शुरुआत है.

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1837 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं

पिछले 20 महीनों में बस्तर क्षेत्र में कुल 1,837 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं. यह आंकड़ा बताता है कि अब हिंसा की जगह संवाद और विकास की राह अपनाई जा रही है.
 

(रिपोर्ट- जितेंद्र)

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