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क्या JDU-RJD में बिगड़ रहे समीकरण? नीतीश के गुस्से ने खड़े किए कई सवाल

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन महागठबंधन की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपा खो दिया. सीएम नीतीश RJD के उस नेता पर खुलकर बरसे जो कि लालू परिवार के सबसे करीबी हैं. अब ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या जनता दल यूनाइटेड (JDU) और आरजेडी (RJD) के बीच सबकुछ ठीक चल रहा है? आइए समझें कि इस विवाद की शुरुआत कहां से हुई...

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लालू के करीबी नेता को नीतीश ने फटकारा तो खड़े हुए कई सवाल
लालू के करीबी नेता को नीतीश ने फटकारा तो खड़े हुए कई सवाल

क्या बिहार की JDU+RJD सरकार में सब कुछ ठीक चल रहा है? यह सवाल अब सियासी सुर्खियों में एक बार फिर उठने लगा है. वजह है बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन महागठबंधन की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आपा खोना. दरअसल इस बैठक में नीतीश कुमार जिस तरह से आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह पर बरसे, उसके बाद जनता दल यूनाइटेड (JDU) और आरजेडी (RJD) के बीच सबकुछ ठीक होने पर सवाल उठने लगे हैं.

दरअसल एमएलसी सुनील सिंह आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद परिवार के सबसे करीबी दो-चार लोगों में से हैं और लालू आवास 10, सर्कुलर रोड में उनकी एंट्री पर कोई रोक-टोक नहीं है. सुनील सिंह लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंह बोले भाई भी हैं और हर साल राबड़ी देवी सुनील सिंह को राखी भी बांधती हैं. तेजस्वी यादव की जब 2021 में शादी हुई थी, तब सुनील सिंह ने तेजस्वी और उनकी पत्नी को कई महंगे गिफ्ट भी भेंट किए थे. पिछले महीने 11 जून को जब लालू प्रसाद का जन्मदिन था तो उस मौके पर भी सुनील सिंह ने अपने आवास पर लालू परिवार के लिए जबरदस्त जश्न का आयोजन किया था जिसमें लालू का पूरा परिवार पहुंचा था और इस कार्यक्रम की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थीं.

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अब ऐसे में जब नीतीश कुमार ने सुनील सिंह पर अपनी नाराजगी जताई है तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या नीतीश और लालू में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है?

कहां से हुई इस विवाद की शुरुआत?

दरअसल, आरजेडी कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और उनके विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक के बीच जो तकरार देखने को मिली है, उसको लेकर नीतीश कुमार चंद्रशेखर पर काफी नाराज हैं. मामला इतना बिगड़ गया था कि चंद्रशेखर को आखिरकार लालू प्रसाद ने अपने आवास पर पिछले दिनों बुलाया था और पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद नीतीश कुमार को फोन करके चंद्रशेखर से मिलने के लिए और पूरे मामले का निपटारा करने के लिए कहा था.

लालू के इस कदम से बिहार के राजनीतिक गलियारे में संदेश यह गया कि लालू यादव एक तरीके से सुपर सीएम की भूमिका में हैं और नीतीश कुमार को निर्देश दे रहे हैं.

सुनील सिंह की एंट्री

इसी बीच चंद्रशेखर और के के पाठक के झगड़े में आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह भी कूद पड़े और उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर को इस्तीफा दे देना चाहिए. जिसके बाद फिर जनता दल यूनाइटेड नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने सुनील सिंह पर हमला बोला और कहा कि उनकी बात की कोई वैल्यू नहीं है, क्योंकि वह केवल पार्टी के नेता हैं. अशोक चौधरी ने आरजेडी के 15 साल के शासनकाल के दौरान जंगलराज का जिक्र करते हुए सुनील सिंह पर हमला बोला.

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अशोक चौधरी के इसी बयान को लेकर एक बार फिर सुनील सिंह ने पलटवार किया कहा कि अशोक चौधरी हर रोज पार्टी बदलते हैं और कहा कि अशोक चौधरी को 1995 में सहकारिता नेता की हत्या का मामला भूलना नहीं चाहिए, जिसमें उनका डायरेक्ट नाम आया था. मगर लालू प्रसाद यादव ने उन्हें बचा लिया था.

अमित शाह के साथ फोटो खिंचाया तो विवाद हो गया...

गौरतलब है कि सुनील सिंह के इसी बड़बोलेपन और अशोक चौधरी के खिलाफ आक्रमक रुख को लेकर नीतीश कुमार उनसे नाराज चल रहे थे और जब विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन महागठबंधन की बैठक हुई तो उनका गुस्सा सुनील सिंह पर फूटा और उन्होंने आरोप लगा दिया कि सुनील सिंह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ फोटो खिंचवाते हैं और उनके संपर्क में हैं.

फोटो से नीतीश नाराज, तेजस्वी को कराना पड़ा बीचबचाव

हुआ यूं कि पिछले दिनों सहकारिता को लेकर दिल्ली में बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शिरकत की थी. इसी कार्यक्रम के दौरान सुनील सिंह और अमित शाह की मुलाकात भी हुई थी और दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थीं. जिसको लेकर नीतीश कुमार काफी नाराज दिखे और महागठबंधन की बैठक में सुनील सिंह को खूब सुनाया. मामला इतना बिगड़ गया कि तेजस्वी यादव को बैठक के दौरान सुनील सिंह के पास जाकर उन्हें शांत कराना पड़ा.

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लालू ने सुनील सिंह को कराया चुप...

महागठबंधन की बैठक के तुरंत बाद फिर तेजस्वी के सरकारी आवास 5, देशरत्न मार्ग पर भी आरजेडी विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें लालू यादव और तेजस्वी भी शामिल थे. इस बैठक के बाद सुनील सिंह के तेवर ढीले पड़ गए और उन्होंने कहा कि वह अब किसी प्रकार की बयानबाजी नहीं करेंगे, जैसा कि उन्हें लालू यादव की ओर से निर्देशित किया गया है.

लालू के करीबी पर नीतीश का सीधा प्रहार

इस पूरी घटना से नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच पिछले कुछ दिनों में खटास बढ़ने के संकेत मिले हैं. खासकर तेजस्वी यादव के खिलाफ लैंड फॉर जॉब स्कैम में चार्ज शीट दायर होने के बाद. आरजेडी जो पिछले कुछ समय से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दबाव बना रही थी, वह अब तेजस्वी के खिलाफ दाखिल हुई चार्जशीट के बाद बैकफुट पर है और सुनील सिंह प्रकरण इसी का जीता जागता उदाहरण है. नतीजा यह है कि नीतीश कुमार लालू परिवार के सबसे करीबी नेता पर अब सीधा हमला बोल रहे हैं. बता दें कि सुनील सिंह आरजेडी एमएलसी होने के साथ-साथ बिस्कोमान के चेयरमैन भी हैं.

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