बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र वायरल करने के मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया हैं. इस मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी टीम को इन अभियुक्तों के दिल्ली में छिपे होने की जानकारी मिली थी. एसआईटी टीम को इनकी गिरफ्तारी करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. एक हफ्ते के प्रयास के बाद तीनों को दिल्ली के बुराड़ी इलाके से गिरफ्तार किया गया.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में एक यूपी का और दो बिहार के रहने वाले हैं. इस मामले में अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हालांकि सबसे पहले पेपर कहां से लीक हुआ, इसकी जानकारी एसआईटी को अब तक नहीं लग सकी है. लेकिन आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों का कहना है कि बहुत जल्द केस से जुड़े सारे बिंदु सामने आ जाएंगे. संभावना है कि अभी इस मामले में और गिरफ्तारी हो सकती हैं.
आर्थिक अपराध इकाई ने जिन तीन आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है उसमें अभिषेक त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर के जिले का रहने वाला है. जबकि महेश पूर्वे और प्रवीण कुमार यादव बिहार के मधुबनी जिले के एक ही गांव नाहस रूपौली के रहने वाले हैं. आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार महेश पूर्वे और प्रवीण 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल हुए थे और इनके वॉट्सऐप पर प्रश्न पत्र का पीडीएफ परीक्षा शुरू होने से पहले ही मंगवा लिया गया था.
इसके बाद इनके ही वॉट्सऐप से अन्य अभियुक्तों को भेजा गया था. इनकी अन्य अभियुक्तों से सांठ-गांठ होने की बात सामने आई है. अभिषेक त्रिपाठी सॉल्वर का काम कर रहा था. ये सभी बीपीएससी परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक कराने वाले गिरोह के सदस्य हैं. इससे पहले एक राजस्व अधिकारी और कृषि विभाग के सहायक गिरफ्तार हो चुके हैं.