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फैक्ट चेक: क्या वाल्मीकि समाज का सुप्रीम कोर्ट में हुआ अपमान? इस फर्जी रिपोर्ट पर न करें यकीन

इस बीच सोशल मीडिया पर 'ईटीवी भारत' की एक कथित रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में वाल्मीकि समाज का अपमान हुआ. जब हमने गहनता से इस कथित रिपोर्ट की पड़ताल की तो हकीकत कुछ और निकली.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
आरक्षण को लेकर दिए फैसले के बाद जब वाल्मीकि समाज के कुछ लोग फूलों के साथ सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करने जा रहे थे तो उन्हें कोर्ट में घुसने नहीं दिया गया.
Social Media Users
सच्चाई
ये स्क्रीनशॉट फर्जी है. 'ईटीवी भारत' न ऐसी कोई रिपोर्ट छापी है और न ही सुप्रीम कोर्ट में घुसने को लेकर ऐसा कोई मामला सामने आया है.

अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अंदर आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले  के बाद जहां एक तरफ दलित संगठनों में नाराजगी है, वहीं वाल्मीकि समाज ने इस फैसले का स्वागत किया है. इस बीच सोशल मीडिया पर 'ईटीवी भारत' की एक कथित रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में वाल्मीकि समाज का अपमान हुआ.

इस रिपोर्ट  में लिखी जानकारी को मानें तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब वाल्मीकि समाज के कुछ लोग फूलों के साथ उच्च न्यायालय का सम्मान करने जा रहे थे तो उन्हें कोर्ट में अंदर घुसने नहीं दिया गया. इतना ही नहीं, दावे के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि अगर वो लोग कोर्ट में दाखिल होते हैं तो अदालत की पवित्रता नष्ट हो जाएगी. 

कई लोगों ने इस फोटो को शेयर करते हुए फेसबुक पर लिखा, "वाल्मीकि समाज फूलों से स्वागत करने सुप्रीम कोर्ट पहुंचा,मिलार्ड ने कहा वापस जाओ कोर्ट अपवित्र हो जाएगा।।"

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये स्क्रीनशॉट फर्जी है. 'ईटीवी भारत' न ऐसी कोई रिपोर्ट छापी है और न ही सुप्रीम कोर्ट में वाल्मीकि समाज के अपमान होने का ऐसा कोई मामला सामने आया है.

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कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल स्क्रीनशॉट में लिखी बात को हमने कीवर्ड्स के जरिये इंटरनेट पर सर्च किया. लेकिन हमें ईटीवी भारत में छपी ऐसी कोई भी खबर नहीं मिली. अगर वाल्मीकि समाज के खिलाफ सचमुच ऐसी कोई घटना घटी होती तो ये बड़ी खबर बनती. लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली.

कीवर्ड सर्च के जरिए हमें पता चला कि 'ईटीवी भारत' ने 18 अगस्त को वाल्मीकि समाज को लेकर एक खबर छापी थी. इस खबर में कहा गया है कि वाल्मीकि समाज ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है. गौर करने वाली बात ये है कि इस खबर में उसी फोटो का इस्तेमाल किया गया है जो वायरल स्क्रीनशॉट में दिख रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक, 18 अगस्त को दिल्ली नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन और वाल्मीकि समाज के नेताओं की एक बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि शीर्ष न्यायालय के फैसले को सरकार द्वारा जल्द लागू करवाने के लिए 20 अगस्त को जंतर मंतर में एकत्रित होकर ज्ञापन सौंपा जाएगा. इस रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं लिखा जो वायरल स्क्रीनशॉट में लिखा है.  

इस बारे में पुख्ता जानकारी के लिए हमने ‘ईटीवी भारत’ से संपर्क किया. संस्था में कार्यरत एक डिप्टी न्यूज एडिटर ने हमें बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल ये स्क्रीनशॉट पूरी तरह फर्जी है. ईटीवी भारत ने ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं छापी है. 

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