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फैक्ट चेक: प्रयागराज में हिंसा के आरोप में पकड़े गए उपद्रवियों का नहीं है ये वीडियो

प्रयागराज के इसौटा गांव में 29 जून को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 85 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि प्रयागराज में दंगा करने वाले चंद्र शेखर आजाद के सर्मथकों का पुलिस ने ये हाल किया. लेकिन, आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो का प्रयागराज हिंसा के आरोपियों से कोई संबंध नहीं है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे प्रयागराज में दंगा करने वाले चंद्र शेखर आजाद के सर्मथकों को पुलिस ने सबक सिखाया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
इस वीडियो का प्रयागराज हिंसा के आरोपियों से कोई संबंध नहीं है. ये राजस्थान के श्रीगंगानगर का वीडियो है, जहां पुलिस ने जून में रंगदारी के आरोपियों को पकड़ा था.

प्रयागराज के इसौटा गांव में 29 जून को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 85 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इसी मामले से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस कुछ जख्मी युवकों को कहीं ले जाती हुई दिख रही है. इन युवकों के हाथ और सिर पर पट्टियां बंधी हुई हैं. चारों ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं.

वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि प्रयागराज में दंगा करने वाले चंद्र शेखर आजाद के सर्मथकों का पुलिस ने ये हाल किया.  

 

 

वीडियो को शेयर करते हुए एक इंस्टाग्राम यूजर ने लिखा है, “प्रयागराज में चंद्रशेखर रावण के समर्थन में दंगा करने वालों का हाल देख लो...रावण समर्थक को यूपी पुलिस रेल बना रही है. हिंसा आगजनी और दंगा करने वालों के साथ में योगी सरकार बिना भेदभाव के यही हाल करती है”.

बता दें कि 29 जून को भीम आर्मी चीफ और सासंद चंद्रशेखर आजाद, एक अनुसूचित जाति के युवक के परिजनों से मिलने जा रहे थे, जिसकी अब मौत हो चुकी है. साथ ही, उन्हें कौशांबी में पाल समाज की नाबालिग बच्ची के परिवार से भी मिलने जाना था जिसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म हुआ है. लेकिन, पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए चंद्रशेखर को ऐसा करने से रोक दिया. इसी के विरोध में आजाद के समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किया था. 

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लेकिन, आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो का प्रयागराज हिंसा के आरोपियों से कोई संबंध नहीं है. ये राजस्थान के श्रीगंगानगर का वीडियो है, जहां पुलिस ने जून में रंगदारी के आरोपियों को पकड़ा था. 

कैसे पता की सच्चाई?

वीडियो को गूगल लैंस से सर्च करने पर हमें ये 5 जून के ऐसे कई पोस्ट्स में मिला, जिनमें इसे श्रीगंगानगर का बताया गया है. साथ में लिखा है कि श्रीगंगानगर में रंगदारी करने वाले चार बदमाशों को पुलिस ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया. ये बदमाश, गैंगस्टरों के नाम पर एक व्यापारी से रंगदारी की मांग कर रहे थे.

 

 

इस मामले में उस समय 'न्यूज 18 राजस्थान' ने भी एक खबर की थी. इसके अलावा, श्रीगंगानगर पुलिस ने अपने फेसबुक हैंडल से इस मामले पर छपी खबरें भी शेयर की थीं. इन खबरों में उन्हीं आरोपियों को देखा जा सकता है जो वायरल वीडियो में नजर आ रहे हैं. 

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्यापारी के मुनीम और भतीजे ने ही रंगदारी की साजिश रची थी. पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था. जब रंगदार, व्यापारी की दुकान पर उससे पांच लाख की वसूली करने आए, तब पुलिस की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया. 

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इस तरह ये बात स्पष्ट हो जाती है कि वायरल वीडियो में दिख रहे लोग प्रयागराज हिंसा के आरोपी नहीं है. 

बता दें कि सोशल मीडिया पर प्रयागराज मामले से जोड़ते हुए एक और वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस सड़क पर कुछ आरोपियों की परेड निकाल रही है. इन आरोपियों के सिर मुंडे हुए हैं. 

 

 

लेकिन, ये वीडियो भी राजस्थान के बारां का है, जहां पुलिस ने पेट्रोल पंप को लूटने की साजिश कर रहे बदमाशों की 2 जून को परेड निकाली थी. 

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