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फैक्ट चेक: ईरान पर अमेरिकी हमले के विरोध में हुए प्रदर्शन को नहीं दिखाता है ये वीडियो

सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए कहा जा रहा है कि ईरान पर हमला करने की वजह से अमेरिका में ट्रंप का इतना भारी विरोध हो रहा है कि वहां की जनता पुलिस की गाड़ियां तोड़-फोड़ रही है. वीडियो में देखा जा सकता है कि किसी ब्रिज पर मौजूद भीड़ नीचे सड़क पर खड़ी पुलिस की गाड़ियों पर पत्थर मारकर उनके शीशे तोड़ रही है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ईरान पर हमला करने की वजह से अमेरिका में ट्रंप का इतना भारी विरोध हो रहा है कि वहां की जनता पुलिस की गाड़ियां तोड़-फोड़ रही है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो इसी साल जून महीने की शुरूआत का है, जब लॉस एंजेलिस में अवैध प्रवासियों पर हुई कार्रवाई के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन किया था. 

सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए कहा जा रहा है कि ईरान पर हमला करने की वजह से अमेरिका में ट्रंप का इतना भारी विरोध हो रहा है कि वहां की जनता पुलिस की गाड़ियां तोड़-फोड़ रही है.

वीडियो में देखा जा सकता है कि किसी ब्रिज पर मौजूद भीड़ नीचे सड़क पर खड़ी पुलिस की गाड़ियों पर पत्थर मारकर उनके शीशे तोड़ रही है.

fact check

वीडियो को शेयर करते हुए लोग लिख रहे हैं कि जनता के इस विद्रोह को देखकर लगता है कि ट्रंप का आखिरी समय आ गया है. 

ईरान पर हमले से जोड़कर वीडियो को फेसबुक और एक्स पर कई लोग पोस्ट कर चुके हैं. वायरल पोस्ट का आर्कइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

लेकिन, आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये अमेरिका के ईरान पर हमला करने से पहले का वीडियो है, जब जून महीने की शुरूआत में लॉस एंजेलिस में अवैध प्रवासियों पर हुई कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन हुए थे. 

कैसे पता की सच्चाई?

वायरल वीडियो में @caughtla नाम के एक इंस्टाग्राम हैंडल का वॉटरमार्क दिख रहा है. हमने देखा कि ये हैंडल लॉस एंजेलिस के किसी पत्रकार का है. इस अकाउंट से वायरल वीडियो इसी साल 9 जून को शेयर किया गया था.

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इतनी बात तो यहीं साफ हो जाती है कि इस वीडियो का ईरान पर हुए हमले से संबंध नहीं हो सकता, क्योंकि अमेरिका ने ईरान के परमाणू ठिकानों पर 22 जून को हमला किया था. लेकिन, ये वीडियो हमले के पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद है. 

@caughtla के पोस्ट में लिखा है कि ये वीडियो लॉस एंजेलिस का है, जहां पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की थी. 

इसके बाद कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें 9 जून की ऐसी कुछ खबरें मिलीं जिनमें वायरल वीडियो से मिलती-जुलती फोटो मौजूद हैं. ये खबरें लॉस एंजेलिस में जून की शुरूआत में अवैध प्रवासियों को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन से संबंधित हैं. 

fact check 

बीबीसी की खबर के मुताबिक, लॉस एंजेलिस में ट्रंप की निर्वासन नीति के तहत अवैध प्रवासियों के खिलाफ छापेमारी हुई थी.

इस छापेमारी के विरोध में वहां 8 जून, 2025 को हिंसक झड़प होने की शुरुआत हो गई थी. इस दौरान लोगों ने खूब आगजनी की और स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई. इतनी कि वहां ट्रंप ने 2,100 नेशनल गार्ड तैनात कर दिए थे. सिर्फ लॉस एंजेलिस ही नहीं, ऐसे प्रदर्शन अमेरिका के और भी कई शहरों में हुए थे. 

इस तरह ये स्पष्ट हो जाता है कि वायरल वीडियो इसी विरोध प्रदर्शन का है और इसका ईरान पर हुए हमले से कोई लेना-देना नहीं है. 

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हालांकि, ये बात सही है कि वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस के सामने अमेरिका के ईरान पर किए हमले के विरोध में सैकड़ो लोगों ने प्रर्दशन किया है. न्यूयॉर्क में भी ऐसे प्रदर्शन हुए हैं. इस दौरान प्रदर्शनकारी हाथ में 'NO WAR ON IRAN' के पोस्टर लिए देखे गए. इनकी तस्वीरें इस खबर में देखी जा सकती हैं.

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