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फैक्ट चेक: पुलवामा हमले में शहीद नहीं हुए हैं इस बस के जवान

पुलवामा में सीआरपीएफ पर  हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की बाढ़ आ गई  है. सोशल मीडिया पर एक फोटो जमकर शेयर की जा रही है है जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि ये जवानों के शहीद होने के कुछ ही घंटो पहले की फोटो है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
शहीद हुए जवानों की नौ घंटे पहले की तस्वीर
फेसबुक पेज  'सारे जहां का दिल'
सच्चाई
इस तस्वीर का पुलवामा आतंकी हमले से कोई लेना देना नहीं.

पुलवामा में सीआरपीएफ पर  हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की बाढ़ आ गई  है. सोशल मीडिया पर एक फोटो जमकर शेयर की जा रही है है जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि ये जवानों के शहीद होने के कुछ ही घंटो पहले की फोटो है. एक बस के भीतर ली गई इस फोटो में जवान वर्दी में हैं जिनमें ज्यादातर लोग सोते हुए दिख रहे हैं.

फोटो के साथ कैप्शन में लिखा गया है - "देश के वीर जवानों की पिक शहीद होने से नौ घंटे पहले. जय हिन्द जय भारत"

हालांकि पोस्ट में सीधे तौर पर पुलवामा या सीआरपीएफ का ज़िक्र नहीं किया गया है, लेकिन तस्वीर को हमले के नौ  घंटे के पहले बताया गया है, जो ज़ाहिर  करता है कि पोस्ट को पुलवामा आतंकी हमले से जोड़ा गया है.

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यहां  पोस्ट का आर्काइव देखा जा सकता है. इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर में दिख रहे जवान ना तो सीआरपीएफ के हैं ना  ही इस तस्वीर का पुलवामा आतंकी हमले से कोई नाता है.

इस  तस्वीर को "सारे जहां का दिल " नाम के एक फेसबुक पेज ने पोस्ट किया है जो की अब तक लगभग 2000 बार शेयर किया जा चुकी है. इस फेसबुक पेज के नौ लाख  से भी ज्यादा फॉलोवर है.

जब हमने इस तस्वीर को  रिवर्स सर्च किया तो हमें  कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स पर यह तस्वीर बेहतर क़्वालिटी में मिली जहां पर इसे 27 जनवरी 2019 के आसपास शेयर किया गया था. इससे यह तो साबित हो गया कि यह तस्वीर पुलवामा हमले कम से कम दो हफ्ते पहले की है. कुछ जगह इन जवानों  को इंडियन पैराकमांडोस भी  बताया गया  है.

इन-विड टूल की मदद से जब हमने  तस्वीर को ज़ूम करके देखा तो एक जवान की टोपी पर बने लोगो में  'ARMY' लिखा नज़र आया. लोगो देखने में  इंडियन आर्मी के टोपी पर बने लोगो से मेल खाता है. इससे यह कहा  जा सकता  है  कि यह जवान सीआरपीएफ के नहीं है.

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जानकारी को पुख्ता करने के लिए जब हमने  इंडियन आर्मी के पीआरओ से संपर्क किया तो उन्होंने इस  बात की पुष्टि कर दी की फोटो में दिख रहे जवान सीआरपीएफ के नहीं है. उन्होंने हमें बताया कि  जवानों  की यूनिफार्म देख के यह कहा जा सकता कि  शायद यह इंडियन आर्मी के जवानों की ट्रेनिंग के दौरान ली गई फोटो है. फोटो में भी एक जवान की यूनिफार्म पर सफ़ेद  कपड़े पर एक नंबर  (318 ) लिखा  देखा  जा सकता है.  ऐसा आमतौर पर जवानों की  ट्रेनिंग के दौरान ही देखने को मिलता है.

यह तस्वीर कहां की है  ये हमें ठीक ठीक नहीं पता लेकिन इतना स्पष्ट है की इसका  पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों से कोई लेना देना नहीं.

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