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कल तक 24 के थे, आज 22 या 23 साल के हो गए... दक्षिण कोरिया में ऐसा क्या हुआ कि घट गई उम्र?

दक्षिण कोरिया में उम्र की काउंटिंग के लिए चला आ रहा पारंपरिक सिस्टम खत्म हो गया है. इस कारण अब वहां लोगों की उम्र एक से दो साल तक घट गई है. दरअसल, दक्षिण कोरिया में उम्र की गणना करने का अलग ही सिस्टम था. इसके तहत, पैदा होते ही बच्चे की उम्र एक साल हो जाती थी और नया साल आते ही उम्र एक साल और बढ़ जाती थी.

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साउथ कोरिया में उम्र की काउंटिंग करने का सिस्टम अब बदल गया है. (फाइल फोटो- Getty Images)
साउथ कोरिया में उम्र की काउंटिंग करने का सिस्टम अब बदल गया है. (फाइल फोटो- Getty Images)

उम्र. ऐसी चीज जो एक बार गुजर गई तो गुजर गई. फिर लौटकर नहीं आती. लेकिन एक ऐसा देश भी है जहां लोगों की उम्र एक से दो साल तक घट गई है. ऐसा हुआ है दक्षिण कोरिया में. 

दरअसल, दक्षिण कोरिया में उम्र की काउंटिंग करने वाला ट्रेडिशनल सिस्टम खत्म हो गया है. अब वहां वही सिस्टम अपनाया जाएगा, जो दुनियाभर में अपनाया जाता है. इससे वहां के लोग एक से दो साल जवान हो गए हैं. यानी कि अगर वहां किसी की उम्र कल तक 24 साल थी तो आज वो 23 या 22 साल का हो गया.

अब से वहां पर भी डेट ऑफ बर्थ से ही उम्र की काउंटिंग की जाएगी. जबकि, अब तक ऐसा होता था कि 24 घंटे में ही बच्चों की उम्र दो साल तक बढ़ जाती थी.

क्या था ये सिस्टम?

- दक्षिण कोरिया में उम्र की काउंटिंग बाकी देशों में काफी अलग है. यहां उम्र की काउंटिंग के लिए 'कोरियन एज' सिस्टम था.

- इस सिस्टम के तहत, जन्म के समय बच्चे की उम्र एक साल मानी जाती थी. जबकि, साल बदलते ही उसकी उम्र एक साल और बढ़ जाती थी.

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- इसे ऐसे समझिए, अगर किसी बच्चे का जन्म 31 दिसंबर को हुआ. उस समय उसकी उम्र कोरियन एज सिस्टम के हिसाब से एक साल होगी. अगले ही दिन 1 जनवरी को वो बच्चा दो साल का हो जाएगा. यानी वहां 24 घंटे में ही बच्चे की उम्र दो साल हो जाएगी.

- ऐसा इसलिए क्योंकि वहां के ट्रेडिशनल सिस्टम के तहत बर्थ डेट की बजाय साल के पहले दिन यानी एक जनवरी से उम्र गिनी जाती है.

उम्र काउंट करने के हैं तीन तरीके

- पहलाः कानूनी और प्रशासनिक कामों के लिए दक्षिण कोरिया में इंटरनेशनल सिस्टम से ही उम्र की काउंटिंग होती है. 

- दूसराः बच्चे का जन्म होते समय उसकी उम्र 0 मानी जाती है, लेकिन साल बदलते ही यानी जनवरी आते ही उसकी उम्र एक साल की हो जाती है.

- तीसराः ये सब पर लागू होता है. पैदा होते ही बच्चे की उम्र एक साल मानी जाती है. और जब जनवरी आता है तो उसकी उम्र में एक साल और जुड़ जाता है. यानी दिसंबर में जन्मा बच्चा जनवरी में दो साल का हो जाता है.

उदाहरण के तौर पर- अगर किसी व्यक्ति का जन्म 28 जून 2003 को हुआ है तो इंटरनेशनल सिस्टम के हिसाब से उसकी उम्र 19 साल होगी, लेकिन दूसरे तरीके के हिसाब से 20 साल और तीसरे तरीके के तहत 21 साल होगी.

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साउथ कोरिया में उम्र की काउंटिंग करने के तीन तरीके हैं. (फाइल फोटो-AFP)

अब क्या होगा?

- दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल शुरुआत से ही ट्रेडिशन सिस्टम को खत्म करने की वकालत करते रहे हैं. उन्होंने चुनाव के दौरान भी इस सिस्टम को खत्म करने का वादा किया था.

- पिछले साल दिसंबर में वहां की संसद में सांसदों ने भी इस पुराने सिस्टम को खत्म करने के पक्ष में वोट किया था.

- अब से दक्षिण कोरिया में भी उम्र की काउंटिंग के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड को ही अपनाया जाएगा. यानी, अब बर्थ डेट के हिसाब से ही उम्र होगी. 

- इसका मतलब हुआ कि अगर किसी का जन्म 28 जून 2003 को हुआ है, तो इंटरनेशनल सिस्टम के हिसाब से उसकी उम्र 19 साल ही होगी.

क्या कहीं और है कोरिया जैसा सिस्टम?

- दुनिया के कई देशों, खासकर कि पूर्वी एशियाई देशों में उम्र की गणना करने के लिए अलग-अलग पारंपरिक तरीके हैं. लेकिन ज्यादातर देशों में इन्हें खत्म किया जा चुका है.

- दक्षिण कोरिया ने इस सिस्टम को अभी खत्म किया है. लेकिन उत्तर कोरिया में पारंपरिक सिस्टम 1980 में ही खत्म किया जा चुका है. जापान में भी पहले ऐसा ही सिस्टम था, लेकिन वहां भी 1950 में इसे खत्म कर दिया गया.

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भारत में क्या है सिस्टम?

- भारत में इंटरनेशनल एज काउंटिंग सिस्टम को ही माना जाता है. यहां जन्म की तारीख से ही उम्र की गिनती होती है.

- यानी, अगर किसी बच्चे का जन्म 28 जून 2023 को हुआ है तो आज से ही उसकी उम्र गिनी जाएगी. 28 जून 2024 पर उसकी उम्र एक साल होगी. 

 

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